भुवनेश्वर, सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कटक में बैठक स्थल पर अधिकारियों द्वारा धारा 144 लगाने और स्थान को खाली कराने के कारण वह सहारा इंडिया परिवार के सदस्यों से नहीं मिल पाए। बैठक स्थल पर रॉय के पहुंचने से पहले ही संकट की संभावना को देखते हुए पुलिस ने धारा 144 लगा दिया था। रॉय कटक में इंडोर स्टेडियम में सहारा इंडिया के कर्मचारियों और निवेशकों को संबोधित करने वाले थे। रॉय ने एक बयान में कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं कटक में करीब तीन हजार सदस्यों से नहीं मिल सका। हमें अनुमति थी, लेकिन आखिरी समय में धारा 144 लगा दिया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें पुलिस से पता चला कि किसी फोरम ने बैठक के दौरान प्रदर्शन करने और व्यवधान पैदा करने की धमकी दी थी। रॉय ने कहा, पुलिस प्रशासन ने वाजिब फैसला लिया, वरना 3,000 सदस्य अपना मानसिक संतुलन खो बैठते, जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाती। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें शांति बनाए रखने में पुलिस प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए। रॉय ने कहा, मैं फोरम सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि वे सच्चाई को ध्यान में रखें कि सच की झूठ से तुलना नहीं की जा सकती। यह ध्यान रखना जरूरी है कि सहारा की फाइनेंशियल सेवा कंपनी कभी भी चिट फंड कंपनी नहीं रही है। उन्होंने सभी जरूरी सहायता करने के लिए भुवनेश्वर पुलिस की भी सराहना की। पुलिस ने रविवार को धारा 144 लगाकर इंडोर स्टेडियम खाली करा लिया था। मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से पैरोल पर छूटे रॉय ने शनिवार को हैदराबाद से आभार यात्रा शुरू की है। उनकी यात्रा का मकसद सहारा समूह के कर्मचारियों और निवेशकों को कठिन घड़ी में साथ देने के लिए धन्यवाद देना है। निवेशकों का पैसा वापस नहीं करने पर रॉय को मार्च 2014 में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वह छह मई, 2016 को पैरोल पर छूटे हैं।