सांसदों को दूसरा पेशा अपनाने से रोकने की याचिका को, सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने सांसदों को अन्य किसी पेशे में काम करने से रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता ने सही बात उठाई है लेकिन यह शीर्ष अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, याचिका में किया गया अनुरोध भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के अनुसार हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। तदानुरूप रिट याचिका को खारिज किया जाता है। पीठ ने कहा कि मामले में याचिकाकर्ता एक राजनीतिक दल से जुड़े है। इसलिए उनकी बात में दम है लेकिन अदालत इस संबंध में नीतियां नहीं बना सकती। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा, ऐसे डॉक्टर हैं जो आईएएस अधिकारी बन गये और इंजीनियर हैं जो राजनयिक बन गये। आप भी एक राजनीतिक दल से जुड़े हैं।

याचिकाकर्ता वकील और भाजपा प्रवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने पीठ से कहा कि जिस तरह से न्यायाधीशों और लोकसेवकों पर दूसरा पेशा नहीं अपनाने की पाबंदी लागू होती है, उसी तरह सांसदों पर भी लागू होनी चाहिए। उन्होंने अदालत में कहा, आज मैंने पांच सांसदों को उच्चतम न्यायालय में देखा। वे संसद में 11 बजे रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद यहां आये। इस पर पीठ ने कहा, आपकी दलीलें उचित हैं, लेकिन हम नीतियां कैसे बना सकते हैं? याचिकाकर्ता ने सांसदों को अन्य कोई पेशा अपनाने से रोकने के लिए एकसमान नीति बनाने की मांग की थी। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा था कि संसद सदस्यों को प्रतिदिन संसद की कार्यवाही में भाग लेना चाहिए और पूरी तरह जनता के कल्याण में खुद को समर्पित करना चाहिए क्योंकि संघीय व्यवस्था में उनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button