पटना, लोक जनशक्ति पार्टी सांसद चिराग पासवान ने आरक्षण को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उनके लिये आरक्षण और एलपीजी गैस सब्सिडी मे कोई अंतर नही है। चिराग पासवान ने कहा है कि एलपीजी गैस सब्सिडी को जिस तरह अमीर लोगों ने छोड़ दिया है, ठीक उसी तरह देश के अमीर दलितों को आरक्षण का लाभ छोड़ देना चाहिए.
सांसद चिराग पासवान ने कहा कि मैं समाज को किसी भी तरह के जातिवाद से रहित देखना चाहता हूं. आरक्षण छोड़ने का फैसला स्वेच्छा से होना चाहिए न कि इस पर कोई जोर जबरदस्ती हो. आरक्षण के मसले पर बयान देते हुए चिराग ने कहा कि ऐसा हो जाने से जरूरत मंदों को आरक्षण का लाभ मिल पायेगा.
उन्होंने कहा कि वह बिहार से आते हैं जहां जातिगत समीकरण हावी रहता है. पासवान ने जाति से मुक्ति वाले प्रश्न के उत्तर में कहा कि मैं जाति से मुक्त समाज का सपना देखता हूं और इसमें यूपी और बिहार बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. चिराग से यूपी और पंजाब में ओबीसी और दलित नेताओं को बीजेपी द्वारा अध्यक्ष बनाने के सवाल पर पासवान ने कहा कि लोग इस फैसले की टाइमिंग को लेकर सवाल कर सकते हैं लेकिन इन सबका ध्यान किए बिना हमें यह तो स्वीकार करना ही होगा कि ऐसे और भी नेताओं को आगे लेकर आने की जरूरत है। बीजेपी समाज के इस धड़े से योग्य लोगों को आगे लेकर आ रही है, जो एक अच्छा संकेत है। ऐसे और प्रतिनिधित्व हमारी राजनीति में बड़े बदलाव लेकर आएंगे।
हालांकि, यूपी की ताकतवर दलित नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को निशाने पर लेते हुए इस युवा सांसद ने कहा कि अपने शासन के दौरान उनके पास पूरी ताकत थी, अगर वह चाहतीं तो खुद से संबंध रखने वाले समाज के लिए काफी कुछ कर सकती थीं लेकिन वह मूर्तियां बनाने तक ही सीमित रह गईं।