बेंगलुरु, भविष्य में कभी कोई हैकर जब किसी ब्रिटिश बैंक सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश करेगा तो संभव है कि एक भारतीय स्टार्टअप की टेक्नॉलजी उसका पता लगा ले। इसी महीने की शुरूआत में ब्रिटेन की शीर्ष स्पाई एजेंसी जीसीएचक्यू (गवर्नमेंट कम्यूनिकेशंस हेडक्वॉर्टर्स) ने पुणे स्थित स्फेरिकल डिफेंस नाम के सायबर सिक्यॉरिटी स्टार्टअप का चुनाव अपने आगामी कार्यक्रम के लिए किया है।
जीसीएचक्यू वह एजेंसी है जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी के एनिग्मा कोड को तोड़ा था। स्फेरिकल डिफेंस के संस्थापक दिशांत शाह और जैक हॉपकिन्स हैं। 23 साल के इन दो युवाओं की मुलाकात लंदन में आयोजित एक उद्यमिता सम्मेलन के दौरान तब हुई थी जब दोनों ब्रिटेन में अपनी मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई कर रहे थे। पुणे स्थित मुख्यालय वाली इस स्टार्टअप में पांच लोग काम करते हैं। यह सामान्य कम्यूनिकेशन पैटर्न को तैयार करने के लिए डीप लर्निंग का उपयोग करती है। डीप लर्निंग दिमाग में न्यूट्रल नेटवर्क्स के आधार पर तैयार किया गया एक कृत्रिम खुफिया मॉडल है। इन पैटर्न में हलचल होने पर हैकिंग की कोशिश का पता चल जाता है।
एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए स्फेरिकल डिफेंस के सह संस्थापक दिशांत शाह ने बताया, इस प्रोग्राम के लिए चयनित होने से स्फेरिकल डिफेंस को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है और इससे नए कॉर्पोरेट पार्टनर और ग्राहक हासिल करने की क्षमता में बढोत्तरी हुई है। स्फेरिकल डिफेंस ने एक बैंकिंग इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम तैयार किया है और इसके ग्राहकों में पेटीएम, ओयो रूम्स, आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े नाम शामिल हैं। शाह ने बताया, हम बार्कलेज, और एचएसबीसी जैसे वैश्विक बैंकों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस स्टार्टअप के लिए उन्होंने खुद ही धन जुटाया था। हालांकि, उन्हें फंडिंग के लिए निवेशक से ऑफर मिल रहे थे। फिलहाल शाह और हॉपकिन्स ने अपने बेस को ब्रिटेन के चेल्टनहैम में शिफ्ट कर लिया है। शाह ने बताया, जीसीएचक्यू के साथ जुड़ने के बाद हमारे लिए बैंकों से संपर्क करना और उनके सामने आइडिया पेश करना आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि जासूसी एजेंसी के साथ काम करना एक दिलचस्प अनुभव है।