शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं बाबा के खिलाफ एक पोस्टर जारी किया है जिसमें हनुमान साईं बाबा को पीटते नजर आ रहे हैं . पोस्टर को भोपाल में हिंदुओँ के धर्मगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने जारी किया. पोस्टर में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने साईं बाबा को सिर्फ मुस्लिम बताया है. स्वामी स्वरूपानंद का कहना है कि साईं बाबा के भक्त हिंदू धर्म को बिगाड़ रहे हैं. इसी तर्क को आधार बना कर शंकराचार्य साईँ बाबा के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की मुहिम के बाद ये मुद्दा धर्म संसद में भी उठा और सनातन धर्म के मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाने का प्रस्ताव पारित हुआ. अब पोस्टर के जरिए इस हमले को और विवादित बना दिया गया है. शिरडी साईं संस्थान ने इस तरह के बयानों को गलत बताया है.
साईं बाबा 96 साल पहले गुजर चुके हैं। शिरडी के इस मंदिर में ही साईं बाबा को समाधि दी गई थी और तब से ही शिरडी साईं बाबा की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. वास्तव मे, शिरडी का ये मंदिर अपनी अमीरी की वजह से भी चर्चा में रहता है. पिछले कुछ बरसों में साईं बाबा के मंदिरों की तादाद भी देश और दुनिया में तेजी से बढी है. श्री साईं बाबा संस्थानम ट्रस्ट ने साल 2014-15 के जो आंकडे जारी किए हैं उसके मुताबिक ट्रस्ट के पास 1473 करोड़ के फिक्सड डिपॉजिट हैं. इसका अलावा 100 करोड की कीमत का 376 किलो सोना, 14 करोड़ की चांदी और 7 करोड़ के हीरे हैं. हिंदू धर्म में देश के चार हिस्सों में चार मठों की स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी. उन चार मठों के मुखिया ही अब शंकराचार्य कहे जाते हैं. शंकराचार्य हिंदू परंपरा में सबसे बड़ा पद है. साईं बाबा के भक्तों और शंकराचार्य के बीच कानूनी मामले पहले से चल रहे हैं.