राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सियासी विरासत संभालने जा रहे क्रिकेटर तेजस्वी यादव को इन दिनों राघोपुर की गलियों की खाक छाननी पड़ रही है। मुकाबला कड़ा है। जिस उम्मीदवार से उनका सामना है वह उनकी मां राबड़ी देवी को परास्त कर चुके हैं। चुनाव प्रचार के दौरान अमर उजाला से उनकी बातचीत के अंश
सवाल : क्रिकेटर तेजस्वी और लालू जी के उत्तराधिकारी को कैसी लग रही है सियासी पारी?
जवाब: राजनीति मेरे लिए नई चीज नहीं है। यह तो मेरे खून में है। सेवा के इस क्षेत्र में मेहनत बहुत है। लोगों की अपेक्षाएं पूरी करना, दुख-दर्द सुनना-बांटना आसान काम नहीं। लालू जी मेरे पिता हैं, इसे मैं कैसे झुठला सकता हूं। हां, उनसे तुलना बेमानी है। फिलहाल किसी उत्तराधिकार की बात नहीं है।
सवाल : मगर आपके समर्थक आपको भावी उपमुख्यमंत्री बता रहे हैं?
जवाब : अभी उपमुख्यमंत्री का सवाल कहां से आ गया। यह भाजपा वालों का प्रचार है। वही भाजपा जिसमें दूल्हे का पता नहीं, मगर दहेज तैयार है। सवाल : महागठबंधन सुशासन से मंडल पर उतर आया। यह आत्मविश्वास में कमी तो नहीं है?
जवाब : हमने सुशासन और विकास को नहीं छोड़ा है। भाजपा से पूछिये जिनके प्रधानमंत्री विकास से गाय पर उतर आए। हमने सामाजिक न्याय के साथ विकास का नारा दिया है। जब वह जंगलराज की बात करेंगे तो मंडलराज की बात क्यों नहीं होगी। जाति का सवाल भी पहले भाजपा ने उठाया। वह अपने प्रधानमंत्री को पिछड़ी जाति का बताती है तो यह जातिवाद नहीं है, हम मंडलराज की बात करते हैं तो यह जातिवाद है।
सवाल : चुनाव में जंगलराज एक मुद्दा है। भाजपा मुख्य रूप से यही प्रचार करती है कि महागठबंधन में राजद के शामिल होने से जंगलराज आ जाएगा?
जवाब : भाजपा जिसे जंगलराज कह रही है वह दरअसल मंडलराज था। भाजपा को मंडलराज से बहुत डर लगता है। इसलिए जब मंडलराज के लिए तत्कालीन वीपी सरकार ने कमर कसी तो भाजपा इसकी राह में रोड़े अटकाने के लिए कमंडल लेकर निकल पड़ी थी। फिर मध्यप्रदेश में व्यापम घोटाला राज क्या है? छत्तीसगढ़ में धान खरीदी घोटाला राज क्या है? जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी झंडा फहराया जाना क्या मंगलराज का सूचक है?
सवाल : मगर एक बड़ा तबका भी लालू-नीतीश के मिलन पर सवाल उठा रहा है, बातचीत में इस मिलन पर नाराजगी साफ दिखती है?
जवाब : यह वो तबका है जिसने कभी मंडलराज का समर्थन नहीं किया। नीतीशजी या लालूजी को वोट नहीं दिया। आप गरीबों-वंचितों से भी जा कर पूछिये। सभी कहेंगे यह बिछड़े हुए भाइयों का मिलन है।