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सात साल के बाद प्रोफेशनल गोल्फ की कश्मीर घाटी में वापसी

नयी दिल्ली,  प्रोफेशनल गोल्फ की सात साल के लम्बे अंतराल के बाद कश्मीर घाटी में वापसी हो रही है। श्रीनगर के रॉयल स्प्रिंग्स गोल्फ कोर्स पर 15 से 18 सितम्बर तक के एंड के ओपन 2021 खेला जाएगा जिसमें कुल 40 लाख रुपये की पुरस्कार राशि होगी।

प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ़ इंडिया (पीजीटीआई) के सीईओ उत्तम सिंह मंडी ने गुरूवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इस अवसर पर भारत के पहले विश्व कप विजेता क्रिकेट कप्तान और बोर्ड सदस्य कपिल देव भी मौजूद थे। कपिल ने इस अवसर पर एक गोल्फ पत्रिका का भी अनावरण किया।

उत्तम सिंह मंडी ने इस अवसर पर बताया कि पिछले पांच महीनों से गोल्फ का कोरोना महामारी के कारण कोई आयोजन नहीं हो पाया था लेकिन उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि मौजूदा सत्र में पीजीटीआई के 10 टूर्नामेंट खेले जाएंगे जिनमें जे एंड के ओपन शामिल है । उन्होंने इस अवसर पर पीजीटीआई कैलेंडर भी जारी किया किया जिसमें सभी 10 टूर्नामेंटों का विवरण दिया गया है। कैलेंडर की शुरुआत हैदराबाद गोल्फ क्लब में दो से पांच सितम्बर तक होने वाले गोलकोंडा मास्टर्स तेलंगाना ओपन से होगी और इस टूर्नामेंट में 40 लाख रुपये की पुरस्कार राशि होगी।

सितम्बर में 15 से 18 तारीख तक पहला जे एंड के ओपन खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में 40 लाख रुपये की पुरस्कार राशि होगी और इसके साथ ही कश्मीर घाटी में सात साल के अंतराल के बाद प्रोफेशनल गोल्फ की वापसी होगी। पीजीटीआई ने कश्मीर घाटी में अपने आखिरी दो इवेंट जुलाई 2014 में पहलगाम और श्रीनगर में आयोजित किये थे। मंडी ने बताया कि जे एंड के ओपन में सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहेंगे और कोरोना को लेकर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा कैलेंडर का आखिरी टूर्नामेंट जमशेदपुर के गोलमुरी और बेल्डीह गोल्फ क्लब में डेढ़ करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि वाली टाटा स्टील टूर चैंपियनशिप के रूप में होगा।

कपिल ने इस अवसर पर कहा कि अदिति अशोक के ओलम्पिक गोल्फ में चौथे स्थान के प्रदर्शन से देश में महिला गोल्फ को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने अदिति की तारीफ़ करते हुए कहा कि उसने अपने अद्भुत प्रदर्शन से देशवासियों को सम्मोहित किया और इसे थोड़ा दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि वह पदक के इतने करीब आकर चूक गयीं और उन्हें चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। उत्तम सिंह मंडी ने भी कहा कि यदि हम अपने गोल्फ खिलाड़ियों का समर्थन करते रहे तो वे निश्चित रूप से विश्व चैंपियन और पदक विजेता बन सकते हैं।