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साधु संतों के अमृत स्नान से बसंती हुआ महाकुंभ,दो करोड़ से अधिक ने लगायी पवित्र डुबकी

महाकुम्भ नगर,  ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना के पर्व बसंत पंचमी के अवसर पर सभी 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, साधु संतों और शंकराचार्यों के अमृत स्नान के साथ महाकुंभ सोमवार को दैवीय आभा से परिपूर्ण दिखायी दिया।

तीर्थराज प्रयागराज में आज शाम कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच दो करोड़ 33 लाख से अधिक श्रद्धालु मोक्ष की कामना के साथ आस्था की डुबकी लगा चुके थे। अखाड़ों के स्नान का क्रम भोर पांच बजे संगम तट पर शुरु होकर शाम तीन बजे के बाद तक चला। इस पुण्य अवसर पर सरकार की ओर से सभी साधु संतों और श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की गयी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पुण्य अवसर पर सभी साधु संतों , महात्मा और श्रद्धालुओं को बधाई दी। त्रिवेणी के तट पर बसंत पंचमी के अमृत स्नान में आस्था की बयार प्रवाहित हुई। तीसरे अमृत स्नान की शुरुआत हिन्दू सनातन धर्म के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों के संतों की संगम में पुण्य की डुबकी से हुई । अखाड़ो के इस अमृत स्नान के साथ ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी के संयोग ने इसे और विशिष्ट बना दिया । त्रिवेणी के तट पर पहला अमृत स्नान कर्म का माना जाता है , दूसरा अमृत स्नान भक्ति का और तीसरा ज्ञान का ।

प्रयागराज में वैसे भी गंगा और यमुना के साथ ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की धारा का संगम होता है। इसी संयोग ने इस अमृत स्नान को अलौकिक बना दिया । बसंत पंचमी के पावन पर्व पर अपनी सनातन परंपरा का अनुगमन करते हुए साधु-संन्यासियों के अखाड़ों ने पूरे विधि-विधान से शोभा यात्रा निकालते हुए अमृत स्नान किया। सहस्त्राब्दियों से चली आ रही महाकुम्भ में अमृत स्नान की अक्षुण्ण सनातन परंपरा को जीवंत होता देख आम जनमानस भाव विह्वल हो उठा। हिमालय की कंदराओं, मठों, मंदिरों में रहने वाले धर्म रक्षक नागा अपना रूप श्रृंगार कर मां गंगा की गोद में अठखेलियां करने उतर पड़े। अखाड़े परंपरा और अपने क्रम के अनुसार पूरे लाव-लश्कर के साथ संगम की ओर बढ़ते जा रहे थे। अमृत स्नान की शुरूआत महा निर्वाणी अखाड़े के स्नान के साथ हुई। इसके बाद पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार निरंजनी अखाड़ा, पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ आवाहन और पंच अग्नि अखाड़े के नागा साधुओं ने स्नान किया। सन्यासी अखाड़ों के बाद वैष्णव और उदासीन अखाड़ों का अमृत स्नान हुआ और सबसे आखिर में निर्मल अखाड़े में अमृत काल में पुण्य की डुबकी लगाई।

महाकुम्भ 2025 के अंतिम अमृत स्नान बसंत पंचमी पर्व में संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। पुष्प वर्षा की शुरुआत सुबह 6.30 बजे से ही हो गई और तक चलती रही जब तक अखाड़ों का अमृत स्नान जारी । गुलाब की पंखुड़ियों की आसमान से हो बारिश देख संगम तट पर मौजूद नागा संन्यासी , संत समाज और श्रद्धालु अभिभूत हो गए । हर तरफ जय श्री राम और हर हर महादेव का उद्घोष आरम्भ हो गया। महाकुम्भ के सभी तीनों अमृत स्नान पर अखाड़ों के संतों श्रद्धालुओं और कल्पवासियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई है।

मां सरस्वती के प्राकट्य के पर्व बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025 में पवित्र त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने वाले पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, सभी अखाड़ों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस महाकुम्भ को भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक मूल्यों को प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया और इसके द्वारा समाज में शांति, समृद्धि और सद्भाव की भावना को साझा करने की शुभकामनाएं दीं।