मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश की एक त्वरित अदालत ने सामूहिक बलात्कार के छह आरोपियों को सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए बरी कर दिया। इन पर 32 वर्षीय एक महिला के साथ बलात्कार करने, घटना का वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर डालने का आरोप था।
न्यायाधीश बलराज सिंह ने अपने आदेश में इरशाद, नज़र, साजिद, सलाउद्दीन, नौशाद और सत्तार को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा। पीड़िता द्वारा दायर शिकायत अनुसार जिले के खतौली थाना के अंतर्गत कैलावाड़ा गांव में 2013 में छह आरोपियों ने उसका अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। आरोपियों ने घटना का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया।
शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों ने उसे घटना के तीन वर्ष बाद तक ब्लैकमेल किया और पुलिस के पास जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। पुलिस ने जनवरी 2016 में इरशाद और नज़र को गिरफ्तार किया था और तीन दुकानदारों पर वीडियो को सोशल मीडिया पर डालने के लिए मामला दर्ज किया था। घटना के बाद गांव में दो समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया था।