लखनऊ, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि चुनावी वर्ष में साम्प्रदायिक दंगे फैलाकर वोटों का ध्रुवीकरण करना सपा एवं भाजपा का पुराना हथकंडा है, लेकिन दुख इस बात का है कि इनकी साजिशों का शिकार भोली-भाली जनता होती है।
प्रतिमा विसर्जन एवं मोहर्रम के जुलूसों में हुये पथराव और आगजनी के संबंध में डाॅ. अहमद ने कहा कि विगत लोकसभा चुनाव से पूर्व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक दंगे कराये गये जिसमें सपा एवं भाजपा ने अपनी-अपनी चालों से हजारों लोगों को बेघर कर दिया। उन्होंने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में मुजफ्फरनगर दंगा एक बदनुमा दाग है। लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही मुजफ्फरनगर का दंगा शान्त हो गया था। यह वर्ष विधान सभा चुनावों का वर्ष है इसलिए अब बहराइच, कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बाराबंकी, सीतापुर, मुरादाबाद आदि अनेक जिलों में इस प्रकार के निंदनीय प्रयास हो रहे हैं, जिनमें भाई-भाई को अलग करने की खुली सजिश की बू आ रही है।
डाॅ. अहमद ने प्रबुद्ध जनता से अपील करते हुये कहा कि ब्लाक स्तर पर सद्भावना समितियों का गठन करें और निरन्तर प्रयास करें कि समाज का अमन चैन और भाईचारा बना रहें, क्योंकि जिस क्षेत्र में दंगे होते है वहां का किसान मजदूर एवं अन्य गरीब वर्ग एक-एक रोटी के लिए परेशान हो जाता है। साथ ही युवा वर्ग दिशा हीन हो जाता है जिसे पुनः स्थापित करने में वर्षों लग जाते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को इस क्षेत्र में सक्रिय भूमिका अदा करने के लिए किसानों के मसीहा चौ. चरण सिंह के सन्देश को जनजन तक पहुंचाने का निर्देश दिया।