सायना की अगुवाई में, ओलंपिक बैडमिंटन

sayenaरियो डि जेनेरो,  लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता सायना नेहवाल रियो में भारतीय बैडमिंटन दल की अगुवाई करने उतरेंगी जहां उन पर पर करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों का भार और इन खेलों में भारत के असंतोषजनक प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए परिणाम दिलाने का दबाव भी रहेगा। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता सायना महिला एकल में तो विशेषज्ञ जोड़ी ज्वाला गुट्टा तथा अश्विनी पोनप्पा महिला युगल में पदक के प्रबल दावेदार खिलाड़ी हैं। भारत के छह शटलर बैडमिंटन स्पर्धाओं में अपनी चुनौती पेश करने उतरेंगें जहां उन पर बेहतर प्रदर्शन का काफी दबाव रहेगा।

सायना को बैडमिंटन में देश की सबसे बड़ी पदक उम्मीद माना जा रहा है। पूर्व नंबर एक खिलाड़ी सायना मौजूदा विश्व रैंकिग में दुनिया की पांचवें नंबर की एकल खिलाड़ी हैं। ओलंपिक में सायना का सफर अब तक काफी सफल रहा है और वह लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने से पहले बीजिग ओलंपिक 2008 में क्वार्टरफाइनल तक पहुंची थीं। उम्मीद अब यही है कि सायना रियो में अपने पदक के रंग को बदल सकें। भारतीय शटलर के लिये अच्छी बात यह है कि उनके ग्रुप में काफी निम्न रैंकिग के खिलाड़ी हैं जिनमें लोहायिन विसेंट और मारिया उलिटिना जैसी खिलाड़ी हैं। राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के बाद वर्ष 2014 से पूर्व मुख्य कोच विमल कुमार से अलग से ट्रेनिग ले रहीं सायना अच्छी फार्म में हैं। विमल के नेतृत्व में उन्होंने ऑल इंग्लैंड और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था जबकि इंडिया ओपन और चीन सुपर सीरीज में खिताब जीतकर दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी भी बनीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button