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सार्क देश के पत्रकारों को एक मंच पर लाने की जरुरत….

कोलम्बो,  श्रीलंका प्रेस एसोसिएशन के 63वें स्थापना दिवस समारोह में आधे दर्जन देशों के पत्रकार प्रतिनिधियों ने भाग लिया। श्रीलंका फाउंडेशन के सभागार में प्रतिनधियों का स्वागत श्रीलंका के राष्ट्रीय नृत्य और परम्पराओं के साथ किया गया। इस अवसर पर पांच दशक तक पत्रकारिता करने वाले एक दर्जन विभूतियों को डीएफ करियाकरवना सम्मान से विभूषित किया गया।

इस मौके पर भारत से आये पत्रकार दल ने दोनों देशों परस्पर सम्बन्धों पर प्रकाश डाला और दोनों देशों की सदियों पुरानी साझी विरासत को याद किया। भारतीय दल में कुल 18 पत्रकार प्रतिनिधि शामिल रहे जिसकी अगुआई इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी ने की।

अपने उदबोधन में उन्होंने कहा कि भारत जरूर श्रीलंका से बड़ा है, लेकिन श्रीलंका के पत्रकारों का दिल उससे भी बड़ा है। उन्होंने दक्षिण एशिया में पत्रकारों की एकता पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी संबंधित देशों को श्रीलंका प्रेस एसोसिएशन एक प्लेटफॉर्म दे सकती है। श्री तिवारी ने अगले माह प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ के आयोजन में श्रीलंका के पत्रकारों को आमंत्रित भी किया। अन्य सभी देशों के पत्रकार प्रतिनिधियों ने वर्तमान परिवेश मीडिया के समक्ष चुनौतियों से लड़ने के लिए वैश्विक स्तर पर एकजुटता पर जोर दिया।

इस मौके पर भारतीय प्रतिनिधि मण्डल में शामिल विजय शंकर चतुर्वेदी, गीतिका तालुकदार, विश्वजीत भट्टाचार्य, राजेश माहेश्वरी, शुभ्रांशु शेखर, रमेश ठाकुर, योगेश सोनी, मंजूनाथ, श्रीकांत खतेई, किरन कुमार, एम आर सत्यनारायना, वेंकटप्पा ने एसएलपीए के पदाधिकारियों को स्मृतिचिन्ह देकर अभिनंदन किया। अंत में श्रीलंका प्रेस एसोसिएसन के अध्यक्ष मुदिता क्रियाकरवना व अन्य सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सदस्यों के प्रति आभार जताया। भारतीय दल को श्रीलंका के प्रमुख सांस्कृतिक व पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा।