नई दिल्ली, एनएचएआई के चेयरमैन राघव चंद्रा ने साल के अंत तक 6000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो को हरित राजमार्ग में परिवर्तित करने का भरोसा जताया है। हरित राजमार्ग योजना को विश्र्व बैंक के अलावा कारपोरेट क्षेत्र दिग्गज कंपनियों, बैंकों तथा पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्थानों का सहयोग मिल रहा है। मिशन में नए प्रयोगों के लिए एक नवाचार प्रतिष्ठान बनाने पर विचार चल रहा है। हरित राजमार्गो में नवाचार विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए चंद्रा ने कहा कि राजमार्गो के दोनों ओर पेड़ लगाने और हरित पट्टी विकसित किए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे पहले सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री मनसुखलाल मंडाविया ने मिशन से किसानों को जोड़े जाने पर बल देते हुए कहा कि इससे किसान मिशन के प्रति अपनापन महसूस करेंगे और पेड़-पौधों की सुरक्षा करेंगे। इससे स्वच्छ भारत अभियान के साथ मिलकर मिशन पर्यावरण संरक्षण में बड़ी भूमिका निभाएगा।
हरित राजमार्ग मिशन की शुरुआत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल जुलाई में की थी। इसके तहत एक लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो के दोनो ओर व बीच में हरित पट्टी के साथ फल-फूलदार वृक्षों का रोपण व विकास किया जाना है। इसमें दस लाख युवाओं को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। इसकी शुरुआत 1500 किलोमीटर एनएच पर वृक्षारोपण के लक्ष्य के साथ की गई थी। जिसके लिए पिछले साल सितंबर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। मौजूदा सम्मेलन का उद्देश्य हरित हाईवे के लिए ऐसे नए तरीकों की खोज करना है जिनसे ज्यादा हाईवे को कम समय में हरा-भरा बनाकर स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें। नेशनल ग्रीन हाईवे मिशन ने परियोजना को कामयाब बनाने के लिए कई प्रतिष्ठानों के साथ समझौते किए हैं।
मसलन, पौधारोपण व पौधों/वृक्षों के रखरखाव व उनसे पैदा होने वाले फल-फूल से स्थानीय स्तर पर ही विभिन्न उत्पाद बनाने अथवा ढुलाई व मार्केटिंग करने के लिए आइटीसी के साथ एक समझौता किया गया है। इसी तरह नैगम सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत पौधारोपण में पैसा लगाने के लिए यस बैंक के साथ करार किया गया है। ऐसे ही एक करार के तहत टेरी की ओर से तकनीकी मदद मिल रही है। जल्द ही जेके पेपर्स के साथ करार होने की संभावना है जो कागज उत्पादन योग्य वृक्षारोपण में भागीदार बनेगा। कागज व बांस के सामान बनाने के लिए आइएनबीएआर ने बांस पौधारोपण की जिम्मेदारी ली है। पूरे कार्यक्रम को विश्र्व बैंक का वित्तीय समर्थन हासिल है। जबकि इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी एनएचएआई पर है।