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सावन के चौथे सोमवार पर संगम से शिवालयों तक गूंजा शिव का जयघोष

प्रयागराज, भगवान शिव को अति प्रिय सावन मास के चौथे साेमवार पर हुई फूलों की वर्षा से संगम से शिवालयों तक जयघोष से प्रयागराज शिवमय हो गया। संगम के अलावा गंगा के अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई।

यमुना किनारे स्थित पौराणिक महत्व के मनकामेश्वर महादेव तथा पड़िला महादेव मंदिर, संगम, दशास्वमेघ घाट समेत अन्य घाटों पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं पर भी फूलों की वर्षा कराई। आसमान से फूलो की वर्षा होता देख शिवभक्त भी उत्साहित हो गए और बम-बम भोले तथा हर-हर महादेव के जयघोष से संगम से शिवलय तक पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन ने शिवभक्तों पर फूलों की वर्षा कर उनका खास तरीके से सम्मान किया है। सरकार की ओर से ना सिर्फ कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की गयी, बल्कि उनकी सुविधाओं का भी विशेष खयाल रखा गया है। कांवडिया मार्ग प्रयागराज से वाराणसी समेत अन्य पर पुलिस के साथ एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गयी है।

श्रद्धालु सुबह से हाथ में जल, फूल, माला, धतूरा, भांग, विल्वपत्र एवं शमी पत्र लेकर हर-हर महादेव और ऊं नम: शिवाय का जप करते हुए संगम क्षेत्र में यमुना किनारे बने पौराणिक महत्व के मनकामेश्वर महादेव , शिवकोट में गंगा किनारे स्थित कोटेश्वर महादेव, पंड़िला में पांडेश्वर महादेव, प्रयागराज के शिवकुटी इलाके में स्थित ‘शिव कचहरी, यमुना किनारे स्थित सुजावन देव मंदिर, दशाश्वेध,तक्षकतीर्थ आदि शिवालयों में हर हर महादेव के जयकारों के साथ जलाभिषेक किया। शिवलायों में पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की कतारें देखने को मिलीं। मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गये हैं।

भगवान शिव के प्रिय सावन माह के चौथे सोमवार पर संगम नगरी शिव के रंग में रंग गई। संगम से शिवालयों तक हर तरफ भगवान शिव के जयकारों की गूंज सुनाई देती रही। शिवालयों में एक तरफ जलाभिषेक होता रहा, दूसरी ओर मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रुद्राभिषेक भी हो रहा था। उमस भरी गर्मी में शिवालय के सामने कतार में खड़े श्रद्धालुओं को हल्की वर्षा ने राहत प्रदान किया।