लखनऊ, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आतंकवादियों व पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सिमी के आठ आतंकियों के मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। लखनऊ माल एवेन्यू स्थित बसपा प्रदेश कार्यालय से मंगलवार को जारी एक बयान में मायावती ने यह मांग उठाई है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मध्य प्रदेश में हुई पुलिस मुठभेड़ पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। मायावती ने कहा, मध्य प्रदेश पुलिस के ही हवाले से जो खबर आ रही है, उसी के हिसाब से सिमी संगठन से सम्बद्घ 8 फरार आतंकवादी निहत्थे थे तथा उन्हें आसानी से दोबारा गिरफ्तार किया जा सकता था। लेकिन ऐसा करने का प्रयास तक नहीं किया गया। इस प्रकार प्रथम दृष्टया यह मामला संदिग्ध लगता है। इस पुलिस मुठभेड़ की घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। बसपा अध्यक्ष ने कहा है कि वैसे भी भाजपा-शासित राज्यों में पुलिस का जिस प्रकार से राजनीतिक व साम्प्रदायिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए इस्तेमाल हो रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है। पूरे देश को मालूम है मध्य प्रदेश की पुलिस ने बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की जांच स्वतंत्रतापूर्वक नहीं करके सत्ता से जुड़े लोगों को बचाने का काम किया था। उन्होंने कहा कि कई घटनाएं हैं, जिनसे यह साफ प्रतीत होता है कि मध्य प्रदेश सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संकीर्ण व सांप्रदायिक एजेंडे को प्रदेश में सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस महकमे का लगातार गलत इस्तेमाल कर रहे थे।