लखनऊ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों को आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए आवश्यक जड़ी-बूटियों की खेती के माध्यम से बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया जा सकता है।
योगी ने यहां प्रस्तावित राज्य आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के सिलसिले में किए गये प्रस्तुतिकरण के अवसर पर ही। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, योग, नैचुरोपैथी, पंचकर्म जैसे विभागों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि आयुष के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं।
किसानों को आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए आवश्यक जड़ी-बूटियों की खेती के माध्यम से बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के अपने आय स्रोतों की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि इसे संचालित करने में कोई आर्थिक अड़चन न आए। उन्होंने इस विश्वविद्यालय में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए ठहरने की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय को इस ढंग से विकसित किया जाए कि यहां इलाज के लिए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर से लोग पहुंचें।श्री योगी ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अत्यन्त प्रभावी होती है। इसमें यदि योग और नैचुरोपैथी को भी जोड़ दिया जाए, तो इससे मरीजों को इलाज में बहुत लाभ मिल सकता है।
उन्होंने इस विश्वविद्यालय में शोध कार्यों को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित राज्य आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आवश्यकतानुसार मल्टीस्टोरी भवनों के निर्माण पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का निर्माण 03 चरणों में किया जाए और सबसे पहले प्रशासनिक भवन की स्थापना की जाए। प्रत्येक ब्लाॅक में बेसमेण्ट में वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने आयुष विश्वविद्यालय में सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए अच्छी खान-पान व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।इस अवसर पर आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धरम सिंह सैनी, प्रमुख सचिव आयुष प्रशान्त त्रिवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।