लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कोविड वैक्सीनेशन के कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कोरोना संक्रमण में तेजी से गिरावट दर्ज हुई है,लेकिन यह अभी समाप्त नहीं हुआ और इसलिए इससे बचाव के सम्बन्ध में पूरी सतर्कता बरतना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण भले ही कम हुआ लेकिन अभी समाप्त नहीं हुआ है,इससे बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखा जाय। उन्होंने कहा कि इसलिए कोरोना से बचाव के सम्बन्ध में पूरी सतर्कता बरतना जरुरी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मात्र 28 नये मामले सामने आए हैं। इस दौरान 58 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोविड के एक्टिव मामलों की संख्या 586 है।
मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि अलीगढ़, अमेठी, एटा, फिरोजाबाद, गोण्डा, हाथरस, मीरजापुर, पीलीभीत और प्रतापगढ़ में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में 2,54,007 कोविड टेस्ट किये गये। अब तक राज्य में 6 करोड़ 72 लाख 21 हजार 784 कोरोना टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं। प्रदेश में कोविड संक्रमण की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है।
श्री योगी ने कहा कि कोविड संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके दृष्टिगत टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 02 लाख 50 हजार सैम्पल की जांच की जाए।
ने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में वैक्सीनेशन एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। इसके दृष्टिगत सभी टीकाकरण केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कोविड वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण को प्रोत्साहित किया जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश में विगत दिवस तक 05 करोड़ 32 लाख 95 हजार 533 वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के संस्थानों में पठन-पाठन का कार्य प्रारम्भ किया जाना है। उन्होंने निर्देशित किया कि इसके दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग द्वारा आगामी सोमवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाहकार समिति की बैठक आहूत कर शिक्षण संस्थानाें की समयावधि तथा संस्थानों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराए जाने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देशों को तय किया जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में भविष्य के आकलन के दृष्टिगत चिकित्सा सुविधाओं को तेजी से सुदृढ़ किया जाए। पीकू तथा नीकू बेड तीव्र गति से स्थापित किये जाएं।