लखनऊ ,अयोध्या में राम मंदिर को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है> एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी से सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अयोध्या राम मंदिर विवाद को सुलझाने के लिए मसला तीन सदस्यीय पैनल के पास भेजे जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा कि दुनिया कहती है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ। उसका सम्मान मिलना चाहिए। अगर मध्यस्थता से उसका समाधान हो जाता तो सबसे पहले मैं उसका स्वागत करता। लगातार मध्यस्थता का प्रयास हुआ। 1986 से 1989 से बीच प्रयास हुए।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से यह कहा जा रहा था कि इलाहाबाद की विशेष खंडपीठ जो फैसला करेगी हम मानेंगे। लेकिन, सबसे पहले उन्होंने ही इसका विरोध किया। 1994 में नरसिम्हाराव की अध्यक्षता में यह हलफनामा दिया गया कि अगर विवादित ढांचा किसी स्मारक तोड़कर बनाया गया है यह साबित हो गया उसे तोड़कर बनाया जाएगा। सभी ने एक स्वर में कहा कि जहां पर रामलला विराजमान है वहीं पर मंदिर बनना चाहिए।
सीएम योगी ने कहा किउच्चतम न्यायालय ने तीन सदस्यीय टीम गठित की है। अगर उच्चतम न्यायालय को लगता है कि इससे समाधान निकलेगा तो अच्छी बात है। लेकिन दुनिया जानती है कि यह आस्था का सवाल है। मंदिर बहुत बनेंगे लेकिन जन्मभूमि जहां रामलला ने जन्म लिया है उस आस्था का सम्मान होना चाहिए।