नई दिल्ली, केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने यहां की एक विशेष अदालत से पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता के लिए एक निजी कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटन में धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र के जुर्म में अधिकतम सात वर्ष के कारावास की मांग की है। विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने इस मामले में गुप्ता को दोषी करार दिया है और इस मामले में वह सजा 22 जुलाई को सुनाएंगे।
गुप्ता 31 दिसंबर 2005 से नवंबर 2008 तक कोयला सचिव थे। अदालत ने इस मामले में गुप्ता के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन संयुक्त सचिव केएस ग्रोफा तथा तत्कालीन निदेशक केसी समारिया को मध्य प्रदेश के थेसगोरा बी रूद्रपुरी कोल ब्लॉक को कमल स्पॉंज स्टील एंड पावर लिमिटेड को आवंटित करने में अनियमितता का दोषी करार दिया था।
वरिष्ठ सरकारी वकील वीके शर्मा ने अदालत को बताया कि दोषियों ने आर्थिक अपराध किया है और उन्होंने दोषियों पर किसी तरह की नरमी नहीं बरतने की मांग की। उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध अन्य अपराधों से ज्यादा गंभीर हैं और इनसे कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। वहीं दोषियों ने बढ़ती उम्र और पूर्व में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होने का हवाला देते हुए नरमी बरतने की अपील की है।
अदालत ने 19 मई को गुप्ता, क्रोफा और समारिया को दोषी ठहराया था। इसके अलावा अदालत ने कंपनी और उसके प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलुवालिया को भी दोषी करार दिया था। गौरतलब है कि गुप्ता के खिलाफ कोयला घोटाले से जुडे 10 और मामले लंबित हैं जिन पर अलग से कार्रवाई चल रही है। शीर्ष न्यायालय ने सभी मामलों पर संयुक्त सुनवाई की गुप्ता की याचिका को पिछले वर्ष नामंजूर कर दिया था।