नई दिल्ली, संसद की स्थायी समिति ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो में 1594 पदों पर रिक्तियों को लेकर गम्भीर चिंता व्यक्त की है और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के जरिये एजेंसी में ग्रेड-ए के पदों पर भर्ती करने की सिफारिश की है। कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी संसद की स्थायी समिति का मानना है कि यदि जांच एजेंसी में रिक्तियां जल्द नहीं भरी जाती तो इसका असर उसके कामकाज पर पड़ेगा।
समिति द्वारा पिछले दिनों संसद के पटल पर रखी गयी रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई में कार्यकारी रैंक के 5000 अधिकारियों सहित स्वीकृत पदों की कुल संख्या 7274 हैं, जिनमें से 1594 पद रिक्त हैं। राज्य सभा में विपक्ष के नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली 29-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट यह बताती है कि सीबीआई में जहां कार्यकारी रैंक के 1068 पद रिक्त हैं, वहीं 370 विधि अधिकारियों के स्वीकृत पदों में से 95 पद खाली हैं।
समिति का कहना है कि देश आंतरिक सुरक्षा, सीमा पार आतंकवाद, साइबर अपराध, भ्रष्टाचार और अन्य मोर्चों पर समस्याओं का सामना कर रहा है, ऐसी स्थिति में सीबीआई जैसी प्रमुख एजेंसी में कर्मचारियों की कमी और संसाधनों के संकट से ग्रस्त नहीं रहने दिया जा सकता है। समिति ने सरकार को सलाह दी है कि वह सीबीआई के ग्रेड ए की रिक्तियों को भरने के लिए यूपीएससी की परीक्षाओं का सहारा ले।
साथ ही जांच एजेंसी में प्रतिनियुक्ति को आकर्षक बनाया जाना चाहिए ताकि राज्य पुलिस सेवाओं, केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में शामिल होने के लिए आकर्षित किया जा सके। समिति का मानना है कि जांचकर्ताओं की प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में नहीं आने का एक प्रमुख कारण आवास का उपलब्ध नहीं होना है। समिति ने दिल्ली और अन्य स्थानों पर भूमि के अधिग्रहण और सीबीआई के कर्मचारी क्वार्टरों के निर्माण के लिए आवंटन में पर्याप्त बढ़ोतरी करने की सिफारिश की है।