सुनील जोशी हत्याकांड, साध्वी प्रज्ञा, सभी 8 बरी, कहा, भगवा को बदनाम करने की कोशिश
नई दिल्ली, मध्यप्रदेश के देवास की स्थानीय अदालत ने बुधवार को आरएसएस के पूर्व प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी 8 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इसके बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा कि सत्य की जीत होती है। एक राष्ट्रवादी दूसरे राष्ट्रवादी का कत्ल नहीं कर सकता। यह 4-5 नेताओं द्वारा रची गई साजिश थी, जिनकी मंशा राष्ट्रवादियों और भगवा को बदनाम करने की थी।
साध्वी प्रज्ञा अभी न्यायिक हिरासत में हैं और भोपाल में अपना ईलाज करा रही हैं। जब कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया तो वे कोर्ट में मौजूद नहीं थीं। साध्वी के एक रिश्तेदार भगवान झा ने उनसे मुलाकात की। उन्होंने बताया कि वह काफी कॉन्फिडेंट थीं कि उन्हें जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा क्योंकि मालेगांव ब्लास्ट केस भी एक झूठा मामला है। साध्वी के रिश्तेदार ने मालेगांव मामले में कहा कि अगर वह वाकई में इसमें शामिल होती तो वे अभी तक उन्हें फांसी पर लटका चुके होते। यह इसलिए नहीं हुआ क्योंकि जो एजेंसियां उन्हें किसी भी तरह से फंसाना चाहती थीं उनके पास सबूत नहीं थे। जोशी की 29 दिसंबर, 2007 को देवास के औद्योगिक पुलिस थाना इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने जोशी हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, हर्षद सोलंकी, वासुदेव परमार, रामचरन पटेल, आनंदराज कटारिया, लोकेश शर्मा, राजेन्द्र चौधरी और जितेंद्र शर्मा सहित सभी 8 आरोपियों को यह कहकर बरी कर दिया है कि इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।