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सुप्रीम कोर्ट का मनोनीत सदस्यों को मताधिकार का फैसला खतरनाक-थोल थिरुमावलवन

पुड्डुचेरी,  विरुथलाई चिरुथईगल कची पार्टी के नेता थोल थिरूमावलवन ने  कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से केन्द्र शासित प्रदेश के विधान.सभा में मनोनीत तीन सदस्यों को वैध ठहराने और मताधिकार देने का उच्चतम न्यायालय का फैसला खतरनाक साबित होगा।
थिरुमावलवन ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि न्यायालय का यह निर्णय लोकतंत्र के लिए अपने आप में खतरा है। अगर मनोनीत सदस्यों को मताधिकार प्रदान किया गयाए तो किसी भी बहुमत वाली सरकार को उनकी मदद से गिराया भी जा सकता है।

उन्होंने कहा तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ओर से किये गये समझौते के अनुसार मनोनीत सदस्यों के पास मतदान का अधिकार नहीं है। लेकिन अब उच्चतम न्यायालय ने इस शक्ति को दरकिनार कर मताधिकार करने का फैसाला दिया है जो अपने अाप में बहुत चौंका देना वाला फैसला है। हालांकि पुड्डुचेरी प्रशासन ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है और कहा कि केंद्र को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिएए क्योंकि यह कहा गया था कि केंद्र शासित प्रदेश केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि इसलिए एक हलफनामे के माध्यम से केंद्र सरकार को केंद्र के अधिकार क्षेत्र वाला शब्द हटाने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि केन्द्र शासित प्रदेश के स्वतंत्र होकर अपना कामकाज सुनिश्चित कर सके। उन्होंने मनोनीत सदस्यों को मतदान करने के अधिकार पर रोक लगाने की भी मांग की।

थिरुमावलवन ने चेन्नई में अन्ना अरिवलयम में 16 दिसंबर को द्रमुक के पूर्व अध्यक्ष एम करुणानिधि की प्रतिमा के अनावरण के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को आमंत्रित करने के द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कांग्रेसए द्रमुकए वीसीके और वाम दलों के एक जुट होने से धार्मिक ताकतें में खलबली मच गयी है और इसलिए कांग्रेस और द्रमुक के बीच दरार पैदा करने के लिए जबर्दस्त प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में फिर से राजनीति गतिविधियां तेज हो गयी हैं और श्रीमती गांधी के द्रमुक के कार्यक्रम में आने पर मोर्चा को मजबूती मिलेगी।