नई दिल्ली, यूनिटेक की गुड़गांव सेक्टर-70 की विस्टा सोसाइटी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक को 39 फ्लैट खरीदारों को याचिका के लिए परेशानी उठाने के लिए 80 हजार रुपये के हिसाब से भुगतान करने को कहा है। कोर्ट ने यूनिटेक को आठ हफ्ते में यह राशि चुकाने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले मूलधन वापस दिला चुका है। अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक बिल्डर को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आठ मई तक ब्याज जमा नहीं किया, तो हम प्रॉपर्टी अटैच करने के आदेश दे सकते है।
पिछली 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक को सुनवाई में 17 करोड़ रुपये पर सालाना 14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए थे। इसमें एक जनवरी 2010 से फरवरी 2017 का ब्याज शामिल है। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले मूलधन वापस दिला चुका था। इससे पहले कोर्ट ने सभी खरीदारों को रजिस्ट्री में जमा 15 करोड़ रुपये में से अपनी मूल राशि दस्तावेज दिखाकर लेने को कहा था।
कोर्ट ने यूनिटेक को चार हफ्ते के भीतर दो करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश भी दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रॉपर्टी डेवलपर को समझौते के नियमों के साथ रहना चाहिए ताकि वह लोगों में भरोसा दिला सके जो लोग घर का सपना देखते हैं। कोर्ट ने आगे कहा, लेकिन यहां यूनिटेक को अलग-अलग बहानों से देरी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
2009 में ये फ्लैट बुक किए गए थे, जो 2012 में दिए जाने थे। 2014 में इन खरीदारों ने एनसीडीआरसी में याचिका दी थी और एनसीडीआरसी ने 18 फीसदी ब्याज के साथ मूलधन वापस देने के आदेश दिए। यूनिटेक ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी थी।