नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने आज मुंबई की हाजी अली दरगाह के आसापास के 737 वर्ग मीटर में फैले अतिक्रमण के प्रमुख हिस्सों को हाटने के कार्य को पूरा करने को लेकर दरगाह ट्रस्ट की तारीफ की, साथ ही मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को दरगाह के चारों ओर सौंदर्यीकरण कार्य को 30 जून तक पूरा करने की निर्देश दिया है। यह दूसरा मौका है, जब मुंबई की हाजी अली दरगाह चर्चा में है।
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इससे पहले महिलाओं को प्रवेश देने के मामले में भी हाजी अली दरगाह चर्चा में थी। उस वक्त कोर्ट ने ट्रस्ट की दलीलो को खारिज करते हुए दरगाह में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी। मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर दरगाह के पास 737 वर्ग मीटर में फैले अतिक्रमण को हटाने के लिए बनी स्पेशल टास्क फोर्स के पर रोक लगा दी थी और दरगाह ट्रस्ट को खुद ही अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।
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हालांकि कोर्ट ने इस दौरान 171 वर्ग मीटर में बनी मस्जिद में तोड़फोड़ नहीं करने का आदेश दिया था। क्या था मामला:- 22 मार्च 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाजी अली दरगाह के पास 908 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
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हाजी अली दरगाह के पास काफी अतिक्रमण है, जिससे लोगों को दरगाह तक पहुंचने में दिक्कत होती है। हालांकि दरगाह ट्रस्ट की ओर से अतिक्रमण हटाने का विरोध किया जा रहा है। दरगाह ट्रस्ट के मुताबिक मस्जिद काफी पुरानी है और 1931 से लीज उसके पास है।
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