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सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया की अंतरिम संरक्षण अवधि बढ़ाई

नयी दिल्ली,  उच्चतम न्यायालय ने शालीनता बनाए रखने का वचन देने के बाद यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को उनके और अन्य के खिलाफ एक शो में अनुचित भाषा के इस्तेमाल के खिलाफ दर्ज कई मुकदमों मामले में दी गई अंतरिम संरक्षण की‌ अवधि मंगलवार को बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि अदालत अगली तारीख पर विदेश यात्रा करने की उनकी याचिका पर विचार करेगी, क्योंकि अगर वह विदेश गए तो इससे जांच प्रभावित होगी।

शीर्ष अदालत के समक्ष महाराष्ट्र और असम सरकारों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह जांच पूरी करने के लिए समय पर निर्देश मांगेंगे, लेकिन इसमें दो सप्ताह लगने की संभावना है।

अदालत ने तीन मार्च को इलाहाबादिया को अपना शो फिर से शुरू करने की अनुमति दी, लेकिन उन्हें चेतावनी दी कि उनके कार्यक्रम “शालीनता और नैतिकता” के मानकों के तहत होने चाहिए।

शीर्ष अदालत ने तब केंद्र सरकार से यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया के लिए सामग्री को विनियमित करने के उपायों का प्रस्ताव देने को कहा था और यह स्पष्ट किया था कि ऐसे उपायों पर बाद में लोगों और हितधारकों से टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।

शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा था कि मौलिक अधिकार कर्तव्यों के साथ आते हैं और देश मौलिक अधिकारों का आनंद लेने की गारंटी देता है, लेकिन कुछ कर्तव्य भी हैं।

अदालत ने 18 फरवरी को उन्हें राहत देते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही, उनकी अभद्र टिप्पणियों के लिए उन्हें फटकार भी लगाई थी।

याचिकाकर्ता ने अपने यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर माता-पिता और सेक्स पर विवादास्पद टिप्पणियां की थीं। इसके बाद अदालत ने उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया था और जांच में शामिल होने की शर्त पर महाराष्ट्र और असम में दर्ज मुकदमों के मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।