नई दिल्ली, आम बजट को पांच राज्यों में चुनाव होने के बाद पेश करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को 23 जनवरी तक के लिए टाल दी है। मामले की सुनवाई कर कर रहे चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील एम.एल.शर्मा से कानून के उन प्रावधानों का उल्लेख करने को कहा था जिससे केंद्र सरकार को एक फरवरी को बजट पेश करने से रोका जा सके।
दरअसल, 13 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि वह कानून में इस तरह का कोई प्रावधान बताएं जिसके चलते सरकार को बजट समय से पहले पेश करने से रोका जा सके। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस बार आम बजट को एक फरवरी को पेश करने की बात कही है। जबकि विपक्षी दलों की मांग है कि पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव को देखते हुए आम बजट को टाला जाए। इसके बाद कैबिनेट सचिव ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सरकार के रूख की जानकारी दी थी।
इस पर सरकार ने साफ किया कि आम बजट संवैधानिक प्रक्रिया है। इसका महत्व केवल कुछ राज्यों तक सीमित न रहकर पूरे देश के लिए है। दूसरी ओर, विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार बजट के जरिए वोटरों को लुभाने का प्रयास कर सकती है। वहीं, सरकार का मानना है कि बजट को पेश करना जरूरी है ताकि सभी क्षेत्रों में जरूर बदलाव और नई योजनाएं 1 अप्रैल से लागू हो जाएं।