मुंबई, मार्च के आखिरी हफ्ते के पहले ही दिन सोमवार को बाजार में हाहाकार मचा । इसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। सेंसेक्स 400 अंक से ज्यादा नीचे आ गया। वहीं निफ्टी भी 121 अंक से नीचे ट्रेड किया। भारत के साथ-साथ विदेशी बाजारों की स्थिति भी अच्छी नहीं। भारत के साथ-साथ विदेशी बाजारों की स्थिति भी अच्छी नहीं। सभी जगहों की मार्केट क्रैश होने के अलग-अलग कारण सामने आ रहे हैं।
इसमें पहला कारण ब्रेक्जिट समझौते को लेकर स्थिति का साफ न होना है। दो बार असफल होने के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीजा मे तीसरी कोशिश करने वाली हैं जिससे इसे संसद में पास करवाया जा सके। मार्केट को डर है कि अब आगे क्या होगा। सांसद दो बार इस समझौते को रद्द कर चुके हैं। कोई सौदा नहीं होने की सूरत में ब्रिटेन 12 अप्रैल को यूरोपीय संघ से बाहर हो जाएगा।
आज बिकवाली की ‘आंधी’ की वजह से अमेरिका के स्टॉक एक्सचेंज की हालत पस्त हो गई। 3 जनवरी के बाद उन्होंने पहली बार एक दिन में इतना नुकसान देखा था। पिछले दिनों यूएस फेडरल रिजर्व के जारी आंकड़ों के मुताबिक, लॉन्ग टर्म की ब्याज दर शॉर्ट टर्म रेट्स से कम बैठ रही थी। इससे लोगों को मंदी का डर सताने लगा और बिकवाली हुई।
सेंसेक्स सोमवार को 356 अंक की गिरावट के साथ 37892 पर बंद हुआ। निफ्टी की क्लोजिंग 103 प्वाइंट नीचे 11354 पर हुई। बाजार की गिरावट के विपरीत जेट एयरवेज के शेयर में 15% तेजी आई। एनएसई पर यह 15.46% बढ़त के साथ 261 रुपए पर बंद हुआ। बीएसई पर 12.69% ऊपर 254.50 रुपए पर क्लोजिंग हुई। ब्रोकर्स के मुताबिक दूसरे एशियाई बाजारों से कमजोर संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई। रुपए में कमजोरी की वजह से भी बिकवाली तेज हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया 69 के नीचे फिसल गया।