कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य में सेना की तैनाती को लेकर उठाए सवालों का जवाब शुक्रवार को खुद मेजर जनरल सुनील यादव ने दिया। उन्होंने इसको एक रुटीन अभ्यास बताते हुए कहा कि इसको स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह का अभ्यास सेना अपने ऑपरेशन पर्पज के लिए करती है।
एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान उन्होंने इस बाबत राज्य सरकार द्वारा उठाए गए सभी सवालों को निराधार बताया। उन्होंने बताया कि इस तरह का अभ्यास झारखंड, उत्तर प्रदेश, और बिहार में इस वर्ष 26 सितंबर और 1 अक्टूबर को किया गया था। इस अभ्यास के अंतर्गत सेना यहां से गुजरने वाले सभी भारी वाहनों का डाटा एकत्रित करती है। मेजर जनरल सुनील ने बताया है कि सेना के इस पूरे क्षेत्र में 80 जगहों इस तरह के कलेक्शन प्वाइंट हैं। इन सभी जगहों पर पांच से छह जवान होते हैं और यह सभी बिना हथियारों के होते हैं। इस तरह के अभ्यास में उत्तर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और सिक्किम शामिल हैं।
गौरतलब है कि सेना की सड़कों पर मौजूदगी का मुद्दा आज दोनों सदनों में भी सुनाई दिया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकार सेना के जरिए राज्य में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही है। वहीं इस मुद्दे पर केंद्रीय रक्षा मंत्री ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए सदन में इसे एक रुटीन अभ्यास बताया था। उनका कहना था कि इस तरह के अभ्यास से पहले सेना की तरफ से सरकार को पूरी जानकारी दी गई थी। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने इस मुद्दे पर विपक्ष को घेरते हुए उनपर इस मुद्दे को बेवजह तूल देने का आरोप लगाया था।