लखनऊ, एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पत्नी सांसद डिम्पल यादव पर बड़ी कम्पनियों के दवाब में सेनेटरी नैपकिन तथा डायपर पर लगने वाले वैट ड्यूटी को घटाने और इस प्रक्रिया में राजकोष की हानि पहुंचाने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे अपने पत्र में नूतन ने कहा कि पहले सेनेटरी नैपकिन तथा डायपर पर उत्तर प्रदेश वैट एक्ट के अंतर्गत 12.5 प्रतिशत वैट टैक्स लगता था। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री तथा संस्थागत वित्त मंत्री रहते 22 नवम्बर 2013 को सेनेटरी नैपकिन तथा डायपर को वैट एक्ट की अनुसूची चार से अनुसूची दो में लाते हुए इन पर वैट टैक्स को 12.5 प्रतिशत की जगह 4 प्रतिशत कर दिया गया। नूतन ने कहा कि नैपकिन और डायपर के क्षेत्र में काम करने वाली कई बड़ी कम्पनियों ने अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी को बार-बार व्यक्तिगत रूप से अनुरोध किया जिस पर वैट दर कम किया गया। अभिलेखों में कहा गया कि यदि वैट दर घटा दिया जाएगा तो इनसे होने वाला लाभ इनके उपभोक्ताओं को मिलेगा, लेकिन वास्तव में वैट दर कम करने के बाद भी इन सामानों के दाम में कोई कमी नहीं हुई और यह सारा फायदा कंपनियों द्वारा उठाया गया।
आरटीआई से यह तथ्य सामने आया है कि इस मामले में बिना वाणिज्य कर आयुक्त की संस्तुति प्राप्त किये ही वैट दर घटाने का निर्णय लिया था। इसलिए नूतन ने मुख्यमंत्री से सेनेटरी नैपकिन तथा डायपर पर लगने वाले वैट टैक्स को घटाने से सम्बंधित पत्रावली की जांच कराते हुए इस प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के सम्बन्ध में उत्तरदायित्व निर्धारित करने का अनुरोध किया है।