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सेवा की भावना सरकार की नीति और निष्ठा : प्रधानमंत्री मोदी

आनंदपुर धाम (अशोकनगर),  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सेवा के संकल्प से हमारा न केवल व्यक्तित्व निखरता है, बल्कि इससे हमारी सोच व्यापक बनती है, इसी उद्देश्य को लेकर सेवा की भावना को सरकार ने अपनी नीति और निष्ठा बनाया है।

प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले स्थित श्री आनंदपुर धाम में बैसाखी के पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद विष्णुदत्त शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने आनंदपुर धाम के सेवा प्रकल्पों का जिक्र करते हुए कहा कि सेवा के संकल्प से हमारा व्यक्तित्व निखरता है, सोच व्यापक बनती है और ये भावना हमें बड़े उद्देश्यों से जोड़ती है। हम एकजुट होकर काम करते हैं। सेवा एक साधना है, ऐसी गंगा है, जिसमें हर व्यक्ति को डुबकी लगानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सेवा की संस्कृति को आनंदपुर ट्रस्ट पूरे मनोयोग से आगे बढ़ा रहा है। अस्पताल में हजारों मरीजों का इलाज होता है, मुफ्त शिविर लगते हैं। नई पीढ़ी के निर्माण के लिए स्कूल भी खुला है। पर्यावरण संरक्षण के जरिए भी आनंदपुर धाम मानवता की सेवा कर रहा है। आश्रम के अनुयायियों ने हजारों एकड़ जमीन को हरा भरा बनाया है।

इसी क्रम में उन्होंने कहा कि सेवा की यही भावना सरकार के केंद्र में भी है। देश का हर गरीब बुजुर्ग आयुष्मान योजना के कारण इलाज की चिंता से मुक्त है। पीएम आवास योजना से घर की चिंता दूर हो रही है। जल जीवन मिशन से पानी की समस्या का समाधान हो रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान शुरु किया है। सेवाभाव ही इसके पीछे है। सेवा की भावना सरकार की नीति और निष्ठा दोनों है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने गुरुजी महाराज के मंदिर में दर्शन किए, जिससे उनका मन आनंद से भर गया। जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सिंचित हो, जहां परमार्थ परंपरा बन चुका हो, सेवा के संकल्प मानवता के कल्याण का पथ प्रशस्त करते हों, वो धरती साधारण नहीं होती, इसीलिए संतों ने अशोक नगर के बारे में कहा था कि यहां शोक आने से डरता है।

उन्होंने कहा कि भारत संतों की धरती है। जब-जब समाज मुश्किल दौर से गुजरता है, कोई संत या मनीषी समाज को नई दृष्टि देता है। यहां इस धाम में भी यही झलक दिखती है। एक समय में शंकराचार्य ने अद्वैत दर्शन दिया। उसी कालखंड में ऐसे मुनि भी आए, जिन्होंने अद्वैत के विचार से राष्ट्र की आत्मा को झकझोरा। स्वामी अद्वैतानंद ने अद्वैत के ज्ञान को और सरल बनाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य है, लेकिन इस यात्रा में कुछ चीजें याद रखना जरूरी है। हमें अपनी संस्कृति को भी संरक्षित रखना है। संस्कृति सामर्थ्य को मजबूती देती है। आनंदपुर धाम भी इस दिशा में कई काम करता है।

इसी क्रम में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को कला-संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का वरदान प्राप्त है। मध्यप्रदेश और अशोक नगर में विकास को तेज गति से बढ़ाया जा रहा है। चंदेरी हैंडलूम के लिए जीआई टैग दिया गया है। चंदेरी के प्राणपुर में क्राफ्ट हैंडलूम विलेज शुरु हुआ है। राज्य सरकार उज्जैन सिंहस्थ की तैयारी में अभी से जुट गई है। रामवनगमन पथ का एक अहम हिस्सा भी मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाला है। ‘अजब और गजब एमपी’ की पहचान इन कार्यों से और मजबूत होगी।

इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी दोपहर बाद आनंदपुर धाम परिसर पहुंचे। मंदिर परिसर में आनंदपुर धाम के मुख्य कर्ताधर्ताओं ने श्री मोदी का परंपरागत तरीके से स्वागत किया। इसके बाद श्री मोदी मुख्य मंदिर क्षेत्र में पहुंचे और उन्होंने दर्शन किए। प्रधानमंत्री ने धाम परिसर में स्थित “सरोवर” के तट पर आरती और पुष्प अर्पित किए। इस कार्यक्रम के लिए हरियाणा, पंजाब और देश के अन्य हिस्सों से भी धाम के अनुयायी बड़ी संख्या में यहां पहुंचे थे।