श्रीनगर, गुरेज में शहीद हुए 19 सैन्य कर्मियों के पार्थिव शरीर को मंगलवार की सुबह पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके परिजनों के पास भेज दिया गया। इससे पहले सेना की 15वीं कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधु व अन्य वरिष्ठ सैन्यधिकारियों और जवानों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे मच्छल सेक्टर (कुपवाड़ा) में शनिवार को हिमस्खलन से बचाए गए पांच जवानों ने सोमवार को दम तोड़ दिया था। बचाव दल ने उन्हें उसी दिन बर्फ के नीचे से जिंदा निकाल लिया था, लेकिन लगातार गिर रही बर्फ की वजह से उन्हें अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। इसके साथ ही बीते एक सप्ताह में कश्मीर में हिमस्खलन में शहीद हुए सैन्यकर्मियों की संख्या 20 हो गई है।
मच्छल सेक्टर में शनिवार सुबह छह बजे नियंत्रण रेखा पर स्थित एक अग्रिम चौकी की तरफ जाते हुए सेना की 56 आरआर के जवानों का एक गश्तीदल हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। जवान जिस रास्ते से गुजर रहे थे पहले वह धंसा। इसके बाद सटी पहाड़ी से हिमस्खलन के कारण बर्फ के बड़े-बड़े तोंदे नीचे गिरने लगे, पांचों जवान उसमें दब गए। जवानों को दोपहर दो बजे तक बचाव कर्मियों ने बर्फ से जिंदा निकाल लिया था। सूत्रों ने बताया कि सभी जवानों को मच्छल में उपचार दिया जा रहा था, लेकिन बर्फ में पांच घंटे से ज्यादा समय तक दबे रहने के कारण उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। सभी जवानों को बेहतर चिकित्सा के लिए श्रीनगर स्थित सैन्य अस्पताल पहुंचाने का शनिवार से ही प्रयास किया जा रहा था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर मच्छल में नहीं उतर पाया। बर्फबारी से रास्ता बंद होने के कारण उन्हें सड़क मार्ग से कुपवाड़ा या श्रीनगर पहुंचाना संभव नहीं हो पाया। दोपहर बाद श्रीनगर में उनकी मृत्यु हो गई।
जवानों की पहचान नायक माने रामचंद्र शामराव निवासी गांव करोली जिला सांगली महाराष्ट्र, सिपाही अंबोरे बाला जी भगवानराव निवासी गांव तड़कालस जिला परवानी महाराष्ट्र, गनर थामोथरा कनन एम निवासी गांव कवेलाकुल्लम जिला मदुरई तमिलनाडु, सिपाही धावले गणेश किसन निवासी गांव असारे जिला सतारा महाराष्ट्र, सिग्नलमैन परमार देवा हाजा भाई निवासी गांव करमाडिया जिला भावनगर गुजरात के रूप में हुई है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि मच्छल में पांचों जवानों को सोमवार दोपहर बाद वायुसेना के एक विशेष हेलीकॉप्टर से श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल पहुंचाया गया। सभी की हालत बिगड़ चुकी थी। डॉक्टरों के भरसक प्रयास के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।गौरतलब है कि 24 और 25 जनवरी को गुरेज सेक्टर में 14 सैन्यकर्मी और उससे एक दिन पहले सोनमर्ग में मेजर अमित सागर की हिमस्खलन में मौत हो गई थी। मेजर अमित सागर के पार्थिव शरीर को गत शनिवार उनके परिजनों के पास पहुंचाया गया था।