श्रीमती गांधी ने बुधवार को यहां संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से कृषि संबंधी तीनों कानून को वापस लिया है। उनका कहना था कि किसान पिछले 13 महीने से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने उनकी बातों पर ध्यान दिए बिना और उनके पक्ष को सुने बिना कृषि संबंधी तीनों कानों को वापस लिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से ज्यादा समय से चल रहे आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसान मारे गए हैं। उनकी पार्टी मृतक किसानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है लेकिन सरकार किसानों के लिए असंवेदनशील बनी हुई है और उनकी किसी भी बात को नहीं सुन रही है।
अध्यक्ष ने कहा के किसानों के अधिकारों के लिए उनकी पार्टी अडिग होकर खड़ी है और उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य-,एमएसपी उन्हें फसलों के उचित दाम देने तथा अन्य मुद्दों पर उनकी लड़ाई लड़ते रहेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संसद में मानसून सत्र के साथ ही इस बार भी किसानों के मुद्दे को उठाया है और जब से संसद सत्र शुरू हुआ पार्टी लगातार किसानों के हित में आवाज उठा रही है लेकिन सरकार गूंगी ब हर बनी है और उस पर ध्यान नहीं दे रही है।