लखनऊ, गुजरात मे दलित उत्पीड़न की घटना प्रमुखता के साथ दो दिनों से सोशल मीिडया पर छायी हुई है। इस घटना को लेकर पूरे देश मे लोग क्षुब्ध हैं और फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स एप्प के माध्यम से अपने गुस्से का इजहार भी कर रहें हैं।
गुजरात गाय कांड अपडेट
– पूरे प्रदेश में तूफान. कई जगहों पर लोगों ने ट्रैफिक रोका. बसों में तोड़फोड़, सड़कों पर टायर जलाए गए
– सुरेंद्रनगर कलेक्टर ऑफिस में तीन ट्रक भरकर गायों के शव पहुंचाने के बाद, कई और कार्यालयों में गायों के अवशेष पहुंचाए गए
– बहन मायावती ने मामला राज्य सभा में उठाया, राज्यसभा की कार्यवाही रोकी गई
– देश के तमाम राष्ट्रीय चैनलों ने साधी चुप्पी
– गुजराती चैनलों ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की
– गुजरात में इंटरनेट पर लग सकती है रोक
– राज्य सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिए
– गिरफ्तार गो – तालीबान की संख्या नौ हुई
– सस्पेंड होने वाले पुलिस अफसर तीन
– मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल पर इस्तीफे के लिए दबाव, फैसला संघ करेगा
– अपराधियों पर मुकदमा के लिए स्पेशल प्रॉसिक्यूटर नियुक्त
।
।
।
मैं ब्यक्तिगत तौर पे हिंसक प्रतिकार का विरोध करता हु ..
।
समस्या सामाजिक है विरोध भी सामजिक होना चईये …
साभार~ विराट भैया की वाल से!
संजीव चंदन की फेसबुक वाल से साभार –
हे मोहन भागवत जी, तोगड़िया साहब, मोदी जी , ‘हिन्दू माता – गो देवी’ सड़क पर मरी पड़ी हैं, गुजरात में कलेक्टर ऑफिस के सामने। दाह संस्कार कराओ प्रभु, ब्रह्मभोज कराओ।परशुपुत्र गिरिराज सिंह को पुरोहित बनाओ प्रभु !
डिस्क्लेमर:
कलेक्टर ऑफिस नहीं , दलितों के द्वारा ‘ मृत गौमाता’ का दफ़न स्थल नागपुर या झंडेवालां में आर एस एस के दफ्तर होने चाहिए. चाहें तो गोभक्त साध्वी प्राची, योगी आदित्यनाथ या संगीत सोम अपने घर का पता भी दे सकते हैं. गोपुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी या राजनाथ सिंह भी तो अपने घर मृतक गोमाता के श्राद्ध और अग्निसंस्कार व्वयस्था करवा सकते हैं! मित्रों, निरीह कलेक्टर बेचारा गौमाता का क्या करेगा. उन्हें रायसीना पार्सल कर दो या संघ के कार्यालयों पर !
(खबर है कि गुजरात में मरी हुई गायें कलेक्टर ऑफिस पहुंचा दी गई प्रताड़ित दलित समुदाय द्वारा).
दिलीप सी मंडल की फेसबुक वाल से साभार –
आजादी के बाद 70 साल होने को आए. आज भी अगर करोड़ों दलित जीने के लिए चमड़ा उतारने को मजबूर है तो यह सबसे ज्यादा कांग्रेस का ही कुकर्म है. इसलिए जब कांग्रेसी नेता गुजरात पर आंसू बहाएंगे, तो लाजिम है कि हम देखेंगे.
फिलहाल सत्ता से बेदखल हैं, इसलिये जनता के क्रोध से बचे हुए हैं.
लालजी निर्मल की फेसबुक वाल से साभार –
दलित उत्पीड़न के खिलाफ अपनी जान न दें । अब जान देन का नहीं अपना हक छीनने का वक्त है । जो हाथ आपके ऊपर हमला करे उसे तोड़ने का वक्त है ।
ओम सुधा की फेसबुक वाल से साभार –
ये अफवाह किसने उड़ाई है की अपनी माता के मौत से व्यथित राष्ट्रपुरोहित भागवत में इतनी हिम्मत भी नहीं बची है की अपनी मरी हुयी माता का अंतिम दर्शन करने गुजरात जा सकें..
मोदी, तोगड़िया , आदितयनाथ , प्रज्ञा, उमा भारती, रामदेव समेत दुसरे सुपुत्रों को चाहिए की अपनी मरी हुयी माता की लाश सुरेंद्रनगर से ले जाएँ और अंतिम संस्कार करें..