चेन्नई, जल्लीकट्टू के मुद्दे पर तमिलनाडु में विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर ट्रेन रोकने की कोशिश कर रहे द्रमुक के कार्यकारी सचिव एमके स्टालिन समेत कई पार्टी कार्यकर्ताओं को आज हिरासत में ले लिया गया। राज्य के मुख्यमंत्री के इस मुद्दे पर अध्यादेश लाने के आश्वासन के बावजूद यहां मरीना बीच और राज्य के दूसरे हिस्सों में प्रदर्शन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। स्टालिन को समर्थकों के साथ उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वे उपनगरीय मांबलम रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोक रहे थे। स्टालिन तमिलनाडु विधानसभा में नेता विपक्ष भी हैं।
पार्टी की तरफ से आयोजित राज्यव्यापी रेल रोको आंदोलन में पार्टी सांसद कनिमोझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। जल्लीकट्टू के समर्थन में आज कई कारोबारी संगठनों और यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल की वजह से राज्य में बड़ी संख्या में दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं। तमिलनाडु में सड़कों पर आम दिनों के मुकाबले ऑटोरिक्शा भी कम चल रहे हैं। बसें भी सड़कों पर कम ही दिखीं। राज्य में फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने भी इस मामले पर अपना मौन विरोध जताया है।
विरोध स्वरूप फिल्मी कलाकारों ने काले कपड़े पहने। इस बीच प्रदर्शनकारियों, खासकर मदुरै के अलंगालूर में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद कहा कि जब तक इस मुद्दे का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल जाता तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं नागपट्टनम से आई खबर के मुताबिक प्रदर्शनकारियों के समर्थन में हजारों मछुआरे समुद्र में नहीं गए। रामेश्वरम में भी जल्लीकट्टू के समर्थन में सभी दुकानें बंद रहीं और यहां आए तीर्थयात्रियों के सामने खाने की भी समस्या खड़ी हो गई। प्रदर्शन के मद्देनजर दक्षिणी रेलवे ने कुछ ट्रेनों के पूर्ण और आंशिक रूप से रद्दीकरण की घोषणा की है। कुछ ट्रेनों का मार्ग भी बदला गया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रदर्शनकारियों से गरीबों को होने वाली असुविधा का ध्यान रखने का अनुरोध किया है।