स्टीम बाथ सिर्फ स्किन ही नहीं आपके दिल को भी बनाता है हेल्दी, बचाए इस खतरे से
May 5, 2018
लंदन , एक दीर्घकालिक अध्ययन में दावा किया गया है कि लगातार भाप से नहाने से आघात लगने के खतरे को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।
इस अध्ययन में सामने आया कि हफ्ते में सात बार भाप से नहाने वाले लोगों में उन लोगों की तुलना में आघात लगने का खतरा 61 प्रतिशत तक कम होता है जो हफ्ते में केवल एक बार भाप से नहाते हैं। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टोल के सेटर कुनुतसोर ने कहा , “ ये परिणाम बेहद महत्त्वपूर्ण हैं और लगातार भाप से नहाने के सेहत पर पड़ने वाले कई फायदों को दर्शाते हैं। ”
विश्वभर में विकलांगता के प्रमुख कारणों में से आघात एक है जिससे समाज पर अत्याधिक आर्थिक और मानवीय बोझ पड़ता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जितने कम अंतराल पर भाप से स्नान किया जाएगा उतना ही आघात लगने का खतरा कम होता है। स्टीम बाथ और आघात के बीच के संबंध पुरुषों और महिलाओं में समान देखे गए चाहे उनकी उम्र , बीएमआई , शारीरिक गतिविधि और सामाजिक – आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। पिछले 15 सालों तक किया गया यह अध्ययन ‘ न्यूरोलॉजी ’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
लंदन , एक दीर्घकालिक अध्ययन में दावा किया गया है कि लगातार भाप से नहाने से आघात लगने के खतरे को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।
इस अध्ययन में सामने आया कि हफ्ते में सात बार भाप से नहाने वाले लोगों में उन लोगों की तुलना में आघात लगने का खतरा 61 प्रतिशत तक कम होता है जो हफ्ते में केवल एक बार भाप से नहाते हैं। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टोल के सेटर कुनुतसोर ने कहा , “ ये परिणाम बेहद महत्त्वपूर्ण हैं और लगातार भाप से नहाने के सेहत पर पड़ने वाले कई फायदों को दर्शाते हैं। ”
विश्वभर में विकलांगता के प्रमुख कारणों में से आघात एक है जिससे समाज पर अत्याधिक आर्थिक और मानवीय बोझ पड़ता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जितने कम अंतराल पर भाप से स्नान किया जाएगा उतना ही आघात लगने का खतरा कम होता है। स्टीम बाथ और आघात के बीच के संबंध पुरुषों और महिलाओं में समान देखे गए चाहे उनकी उम्र , बीएमआई , शारीरिक गतिविधि और सामाजिक – आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। पिछले 15 सालों तक किया गया यह अध्ययन ‘ न्यूरोलॉजी ’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।