ब्रिस्टल , टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाली और पांच वर्षों से ज्यादा समय के बाद भारतीय टीम में जगह बनाने वाली स्नेह राणा ने इस समय की भरपाई करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में चार विकेट लिए और फॉलोऑन के बाद भारत की दूसरी पारी में नाबाद 80 रन बनाकर इस एकमात्र टेस्ट को सम्मानजनक ड्रा कराने में सफलता पायी । गेंद और बल्ले से इसी उपयोगिता के कारण भारतीय टीम में उनका चयन हुआ था। यह कहना है भारतीय कप्तान मिताली राज का।
मिताली ने कल पहला टेस्ट ड्रा होने के बाद कहा कि यह बल्ले और गेंद से उनकी उपयोगिता थी जिसके कारण भारतीय टीम में उनका चयन रहा , हालांकि वह टीम में दूसरी ऑफ स्पिनर थीं। मिताली ने कहा कि घरेलू क्रिक्रेट में राणा की शानदार फॉर्म ही उन के पूनम यादव और राधा यादव के मुकाबले टीम में शामिल होने की वजह रही।
कप्तान ने कहा,”हमारे लिए यह महत्वपूर्ण था कि वे स्पिनर्स चुने जो अच्छा कर रहे हैं क्योंकि हमारा कोई कैंप नहीं लगा था , कोई टूर्नामेंट नहीं था जब हम टीम चुन रहे थे। स्नेह दीप्ति के साथ अच्छी गेंदबाजी कर रही थीं और उनका बोनस यह था कि वे अच्छी बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। हम अपने बल्लेबाजी क्रम को लम्बा करना चाहते थे। मिताली ने कहा,”एक समय विविधता की कमी मेरे दिमाग में थी। विपक्षी टीम के पास सर्वश्रेष्ठ लेफ्ट आर्म स्पिनर्स में से एक मौजूद थी इसलिए हमने सोचा कि क्यों न दो ऑफ स्पिनर्स खेलाये। स्नेह ने घरेलू क्रिकेट में काफी विकेट हासिल किये। इसलिए ऐसे खिलाड़ी को चुनना जो घरेलू क्रिकेट में पिछले दो वर्षों में गेंद और बल्ले के साथ शानदार फॉर्म में हैं। हमने सोचा कि क्यों ना ऐसी खिलाड़ी को पहले मैच में मौका दिया जाए।”
भारतीय टीम पहली पारी में 231 रन पर सिमट गयी थी और उसे फॉलोआन खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा था। दूसरी पारी में भारत का स्कोर सात विकेट पर 199 रन हो गया था और उसके पास केवल 34 रन की बढ़त थी। लेकिन राणा ने फिर निचले क्रम की बल्लेबाजों के साथ मैच को इंग्लैंड के हाथों से निकाल दिया और मैच अंततः ड्रा समाप्त हुआ। हरमनप्रीत कौर के आउट होने और खिलाड़ियों के मैच ड्रा होने के बाद हाथ मिलाने तक राणा शिखा पांडेय और तान्या भाटिया ने आठवें और नौंवें विकेट के लिए 145 रन जोड़े और 47.3 ओवर खेले ।