नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी के भारी धुंध की चपेट में आने के बीच केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने स्मार्ट सिटी योजनाएं तय करते समय पर्यावरण पहलुओं को ध्यान में रखने पर आज जोर दिया। नायडू ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गंभीर प्रदूषण स्तर लंबे समय से की जा रही पर्यावरण की अनदेखी की वजह से है और हर किसी को स्थिति से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ न कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हमें स्मार्ट शहरों में भी पर्यावरण पहलुओं को लेकर सजग रहना होगा। पर्यावरण और विकास को साथ-साथ मिलकर चलना चाहिए। यदि आप पर्यावरण की अनदेखी करेंगे तो क्या होगा, उदाहरण आपके सामने है। लेकिन यह कोई एक दिन की बात नहीं है। नायडू ने यहां स्मार्ट शहरों पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग सेवा प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, अब जो पर्यावरण मुद्दा सामने आया है, वह कोई राजनीतिक मुद्दा या एक दिन की बात नहीं है।
नागरिकों से लेकर केंद्र तक, शहरों से लेकर राज्यों तक, हर कोई को मुद्दे से निपटने के लिए कुछ न कुछ करना होगा। मंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, विषम-सम योजना विषम ही रहेगी। ऑड करेगा, वरना गॉड करेगा। यह ईश्वर प्रदत्त नहीं है, बल्कि मानव प्रदत्त है..इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए हर किसी को अपनी तरफ से कुछ न कुछ करना होगा। नायडू की टिप्पणी केजरीवाल के यह कहने के एक दिन बाद आई है कि उनकी सरकार धुंध से निपटने के प्रयासों के तहत सम-विषम योजना फिर शुरू करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संबंधी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट शहरों पर नवोन्मेषी विचारों तथा अन्य उदाहरणों से सीखते हुए आगे बढ़ा जाएगा। मंत्री ने कहा कि स्मार्ट शहर शासन, सतत पर्यावरण, परिवहन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों, सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचय, हरियाली तथा अन्य सहित महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित हैं। बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल ने बुधवार तक स्कूलों को बंद रखने, पांच दिन तक सभी निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित करने तथा एक बिजली संयंत्र को अस्थाई रूप से बंद करने सहित कई कदमों की घोषणा की थी।