मुंबई, इन दिनों स्वच्छता अभियान जागरूक लोगों के लिए एक मिशन बन गया है। जो लोग सफाई पसंद हैं, वे प्रधानमंत्री के आभारी हैं जिन्होंने देश के हर शहर, कस्बे और गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एक अभियान छेड़ रखा है जिसका नाम है स्वच्छ भारत अभियान। इस अभियान को सफल बनाने के लिए निर्माता विनोद गुर्जर ने भी कमर कस ली है जिसके तहत उन्होंने एक फिल्म बनाई है जिसका नाम है ‘क्या आशिकी है हमको बताओ’।
इस फिल्म के जरिए निर्माता- निर्देशक विनोद गुर्जर यह संदेश देना चाहते हैं कि हर गांव और हर घर में टॉयलट जरूर हो और उन्होंने इस कहानी को मनोरंजन का तड़का लगाकर एक प्रेमकथा में पिरोया है। फिल्म का हीरो तब तक शादी नहीं करना चाहता, जब तक उसके घर में टॉयलट न बन जाए। उसकी यह जिद प्रशासन को हिलाकर रख देती है। हालात ऐसे बनते हैं कि वह लड़का गांव छोड़कर चला जाता है और एक दिन वह अपने प्रयासों से गांव तक पानी पहुंचाता है।
फिल्म के जरिए यह संदेश देने का भी प्रयास किया गया है कि लोगों को स्वच्छ पानी पीना चाहिए। निर्माता ने लोगों को शराब से भी दूर रहने की सलाह दी है। कुल मिलाकर टॉयलट और पानी ही फिल्म का अहम बिंदू है जिसमें एंटरटेन्मेंट को जोड़ा गया है ताकि दर्शक अंत तक फिल्म से जुड़े रहें।
फिल्म से ही क्यों, निर्माता- निर्देशक तो यह भी चाहते हैं कि देश का हर शख्स स्वच्छ भारत अभियान मिशन से जुड़े ताकि एक सुंदर भारत का निर्माण हो सके। रीत मोशन पिक्चर बैनर के तले बनी क्या आशिकी है हमको बताओ की एक खास बात यह है कि इसमें देश के हर राज्य से कैरेक्टर लिए गए हैं। जिस गांव में इस फिल्म की शूटिंग की गई है, वहां भी निर्माता ने टॉयलेट बनवा दिए हैं। इस फिल्म के लेखक हैं जलज शर्मा। अतुल मिश्रा के लिखे गीतों को संगीत दिया है राजेश शर्मा ने।