पणजी, स्वतंत्रता सेनानी मोहन रानाडे का मंगलवार को महाराष्ट्र में पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। गोवा की आजादी के आंदोलन में श्री रानाडे ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह कुछ समय से बीमार थे और उनका पुणे में इलाज चल रहा था।
रानाडे का जन्म 1929 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। पुर्तगाल की पुलिस ने उन्हें वर्ष 1955 में गिरफ्तार कर लिया था। गोवा की आजादी के बाद उन्हें 1969 में रिहा कर दिया गया। वह गणेश दामोदर सावरकर और विनायक दामोदर सावरकर जैसे नेताओं से प्रेरित थे।
रानाडे पेशे से एक वकील थे। सरकार ने उन्हें 2001 में पद्मश्री से सम्मानित किया। वर्ष 2006 में उन्हें सांगली भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक कुछ वर्ष पहले उनकी पत्नी का निधन हो गया था और उनकी कोई संतान नहीं थी। रानाडे का अंतिम संस्कार पुणे में किया जाएगा।