लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बसपा के पूर्व महासचिव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की जमकर तारीफ की है । इसके साथ ही साफ किया है कि समाजवादी पार्टी में किसी तरह का कोई अंदरूनी मतभेद नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य एक मजूबत नेता हैं। यह अच्छी बात है कि उन्होंने बसपा से किनारा कर लिया है। हमने सदन में सभी विधायकों के सामने कहा था कि मौर्य जी अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन गलत दल में हैं। वह बात अब साफ हो गयी है। मौर्य को मुलायम का करीबी बताने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती के परिवारवाद सम्बन्धी आरोपों पर अखिलेश ने चुटकी लेते हुए कहा, मैंने हर पत्रकार साथी से कहा है कि जब भी मायावती का नाम लिया करो तो बड़े सम्मान से बुआ जी कहा करो। सीएम ने कहा कि सपा में बच्चों के बच्चे और फिर उनके बच्चों के बच्चे के राजनीति करने की बात कही है। हमारे बच्चे तो बहुत छोटे हैं। उनके इस स्थिति में आने में अभी 12-15 साल लगेंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कौमी एकता दल का विलय उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है और इसे लेकर सपा में कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह हमारी पार्टी के अंदर की बात है और पार्टी जो फैसला करेगी उसे सब मानेंगे। विलय का निर्णय हमारी पार्टी का अपना निर्णय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर सभी की नजरें टिकी हैं। समाजवादी पार्टी को जनता ने समर्थन दिया था और समाजवादी लोग जनता के भरोसे पर खरे उतरे हैं। सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने घोषणा पत्र लागू कर दिया है लेकिन विपक्षियों के पास खुशहाली का कोई मुद्दा नहीं है।