लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आरोप लगाते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को एक बार फिर वेेल में आकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
करीब दस मिनट तक हंगामा और नारेबाजी करने के बाद विधानसभाध्यक्ष सतीश महाना के हस्तक्षेप के बाद सपा के उत्तेजित सदस्य अपने आसन पर गए।
शून्य प्रहर में सपा के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल यादव ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री बजेश पाठक और सपा सदस्य शिवपाल यादव के बीच तीखी नोकझोक भी हुई। श्री यादव ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं वेटीलेटर पर हैं। जिला चिकित्सालयों में न तो डाक्टर हैं और न ही दवाएं है। कोरोना काल में जो वेंटीलेटर खरीदे गए थे, वे भी खराब पड़े हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उन्होने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री छापामार मंत्री बनकर रह गए है। उपमुख्यमंत्री जो कि स्वास्थ्य मंत्री भी है, का अपने अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। उन्होंनेे भाजपा सदस्यों को नसीहत देते हुये कहा कि भाजपा सरकार के मंत्रियों को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के व्यवहार और आचरण का अनुसरण करना चाहिए।
इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा के कार्यकाल में मेडिकल कालेज पर दलालों का जमावड़ा रहता था, उनके स्वास्थ्य मंत्री के जेल जाने की नौबत आ गई थी। उन्होंने सपा के नेताओं को घेरते हुए कहा कि लाल टोपीवाले नकली समाजवादी हैं और कानून को तोड़कर अराजकता फैलाना इनका काम है।
उपमुख्यमंत्री के इतना कहते ही सपा सदस्य शिवपाल यादव के नेतृत्व में सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। बाद में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के आश्वासन पर सपा सदस्य अपनी सीटों पर गए।