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स्‍वदेशी उत्‍पादों की चमक देख चीन अपना माथा फोड़ लेगा: सीएम योगी

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खादी देश के हर नागरिक को स्वदेशी, सम्मान और स्वावलंबन से जुड़ता है।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महामारी के दौरान देश को आत्मनिर्भर भारत का एक नया मंत्र दिया। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किए बगैर कोई देश सम्मान पूर्वक अपने जीवन को आगे नहीं बढ़ा सकता। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र का पालन करना चाहिए। जो हमारे देसी, स्‍वदेशी, स्‍थानीय उत्‍पाद हैं उसको प्रोत्साहित, प्रमोट करने संग उसको नई तकनीकी के साथ जोड़ते हुए आगे बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। जिसके लिए खादी विभाग की ओर से कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

आजादी का अमृत महोत्‍सव के अवसर पर इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान में मंगलवार को खादी महोत्‍सव की शुरूआत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी आत्‍मनिर्भर भारत के संकल्‍प को तेजी से पूरा कर रहा है। प्रदेश में एक जनपद एक उत्पाद की योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, माटी कला बोर्ड से जुड़ी हुई योजनाओं से जुड़कर लोग आत्‍मनिर्भर बन रहे हैं। खादी आज नए भारत का एक नया ब्रांड बन गया है। आगे आने वाला समय खादी का है। देश आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश किया है आज खादी के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है। खादी ने भारत की आजादी की लड़ाई को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के साथ देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को एक मंच दिया था। वह खादी ही आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री जी के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए एक नए ब्रांड के रूप में काम करेगा।

उन्होने कहा कि खादी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है इससे ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी। विभाग ने विगत तीन चार वर्षों के अंदर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से बहुत कुछ नया किया है। जैसे पहले मैनुअल चरखे हुआ करते थे उसको सोलर चरखों के साथ जोड़ा है। तकनीकी के संग जब सामान्‍य कार्य को जोड़ते हैं तो व्यक्ति की कार्य क्षमता के साथ उसकी कमाई को भी बढ़ा देता है। प्रदेश में आज खादी की मांग तेजी से बढ़ी है ऐसे में तकनीक, टूलकिट्स और ट्रेनिंग के कार्यक्रम चल रहे हैं। महज पिछले 3-4 वर्षों में बदलते उत्तर प्रदेश की तस्‍वीर हम सबने देखी है। साल 2017 में बेरोजगारी की दर 17 से 18 फीसद थी, जो आज घटकर 5 फ़ीसदी ही रह गई है। ये इस बात का प्रमाण देती है कि हमारी सरकार की योजनाएं प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं।