अहमदाबाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने हथियारों के बड़े आयातक से 25 बड़े निर्यातक देशों में शामिल होने की यात्रा तय की है और आने वाले महीनों में देश का रक्षा निर्यात 20 हजार करोड़ रूपए को पार कर जाएगा।
राजनाथ सिंह ने आज यहां गांधीनगर में आयोजित रक्षा प्रदर्शनी से संबंधित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में हथियारों के तथा अन्य रक्षा उत्पादों के सबसे बड़े आयातक की पहचान को पीछे छोड़ कर हथियारों का बड़ा निर्यातक देश बनने की यात्रा तय की है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष केवल छह महीनों में भारत ने 8000 करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादों का निर्यात किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में यह आंकड़ा 20,000 करोड़ रुपए को पार कर जाएगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 तक भारत का रक्षा निर्यात 35 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा और उसकी गिनती दुनिया के बड़े रक्षा निर्यातक देश के रूप में की जाएगी। भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाते हुए अब ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की भूमिका में आ गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा प्रदर्शनी का 12 वा संस्करण इस दिशा में आगे बढ़ने के साथ-साथ भारत को रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा प्रदर्शनी में पहली बार केवल भारतीय कंपनियां हिस्सा ले रही हैं और इनकी संख्या 1300 से भी अधिक है। इसके अलावा 10 राज्यों की भी भागीदारी है और इनमें से गुजरात का पवेलियन सबसे बड़ा है। प्रदर्शनी के दौरान 451 समझौते किए जाएंगे जिनसे एक लाख 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश आने की संभावना है।
प्रदर्शनी में 75 देशों के प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन शो भी आयोजित किया जाएगा जिसमें 1600 ड्रोन हिस्सा लेंगे।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस मौके पर कहा कि राज्य में रक्षा प्रदर्शनी के आयोजन से यहां रक्षा विनिर्माण की गतिविधियां बढ़ेंगी और गुजरात रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट तथा रक्षा सचिव अजय कुमार भी मौजूद थे।