बीजिंग, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) नहीं चाहती थी कि रूसी स्केटर कामिला वलीवा बीजिंग खेलों में भाग लें। उन्होंने प्रतिबंधित पदार्थ लिया था और उनका परीक्षण सकारात्मक था, जिसके बाद वह आलोचनाओं के घेरे में आ गई थी, लेकिन अदालत ने फैसला सुनाया कि आईओसी को उनकी भागीदारी का सम्मान करना चाहिए। यह बात आईओसी के प्रमुख थॉमस बाक ने कही।
इससे पहले फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने कहा था कि 25 दिसंबर को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में की गई वालिवा की जांच में ट्राइमेटाजिडिन नामक एक प्रतिबंधित पदार्थ मिला था।
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट ने आईओसी, विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) और अंतर्राष्ट्रीय स्केटिंग संघ की शिकायत के बावजूद ओलंपिक व्यक्तिगत प्रतियोगिताओं में उनकी भागीदारी की अनुमति दे दी थी।
बाक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”हम अदालत गए, हम नहीं चाहते थे कि वलीवा ओलंपिक में भाग लें और हम कोर्ट केस हार गए। इसलिए हमें कानून के शासन का सम्मान करना होगा।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि वलीवा के डोपिंग घोटाले की जांच असाधारण है और वाडा इसे संचालित करने के लिए योग्य है।
बाक ने समझाया, ”मेरे पास वर्षों का अनुभव है। मुझे बहुत सारे झूठ और डोपिंग मामलों के बहुत सारे स्पष्टीकरण सुनने पड़े हैं और यह महसूस किया है कि एथलीटों द्वारा अकेले डोपिंग शायद ही की जाती है।”
वलीवा सहित रूसी स्केटर्स ने खेलों में टीम स्पर्धा भाग लिया और पहला स्थान हासिल किया, लेकिन डोपिंग परीक्षण के परिणाम सामने आने के बाद पुरस्कार समारोह आयोजित नहीं किया गया।
व्यक्तिगत स्पर्धा में चौथा स्थान हासिल करने के बाद बुधवार को वलीवा पोडियम जाने से चूक गईं। गौरतलब है कि चार फरवरी से शुरू हुए बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेल रविवार को समाप्त होने वाले हैं।