इटावा, सैफई महोत्सव मे आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दीप जलाकर किया। कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवियों ने मंच पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कवि सुनील जोगी व तीन अन्य कवियों की किताबों का विमोचन भी किया।अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संचालन पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह यादव ने किया. पेश है एक झलक-
आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य, मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य -कवि गोपाल दास नीरज
सत्यमेव जयते से इस वतन को महकाना, भूलकर भी बीबी के कहने में न आ जाना-कवि डॉ सुनील जोगी
मै भारत का संविधान हूँ लाल किले से बोल रहा मेरा अंतर्मन घायल है मन की गांठे खोल रहा -कवि डॉ हरिओम पवार
जमीन जल रही है फिर भी चल रहा हूँ मेैं, दिया हूँ प्यार का हिम्मत से जल रहा हूँ मैं– कवि डॉ विष्णु सक्सेना
देश मिट्टी हवा पानी से बना है, देश पुरखो की कहानी से बना है, खून से हस्ताक्षर कर दे गगन पर, देश उस पागल जवानी से बना है-कवि डॉ कर्नल बीपी सिंह
विभाग ने पुल पर इल्जाम लगाया है, सारा सीमेंट और लोहा इसी पुल ने खाया है..
पुल अपने ऊपर लगाया ये इल्जाम सहन कर गया, और सवेरे ही नदी में कूदकर मर गया-कवि सर्वेश अस्थाना
एक कवि अभी पुराने जमाने के नशे में झूम रहा था, इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ मिसाइलों के युग में तलवार लिए हुए घूम रहा था – कवि महेंद्र अजनवी
शाम भी खास है वक्त भी खास है, मुझको अहसास है तुझको अहसास है, इससे ज्यादा हमे और क्या चाहिए में तेरे पास हूँ तू मेरे पास है-कवियत्री अनामिका अम्बर
खुदी पर और खुदा पर यकीन रखता है, जेहन में सोच में ईमान दीन रखता है –कवियत्री डॉ सरिता शर्मा
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शहीदों का लहू बेआबरू करके चले आये, पुराना जख्म था उस पर रफू करके चले आये,
हमे उम्मीद थी की वो कुछ कटे सर लेकर आएंगे, मगर साहब गए तो पॉव छूकर चले आये -कवि इमरान प्रतापगढ़ी
सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहे, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे -कवि राहत इन्दोरी
वेदप्रकाशवेद ने हास्य कविताओं से खूब हँसाया उन्होंने कविता के माध्यम से मिलावटखोरो को खूब झकझोरा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सांसद धर्मेन्द्र यादव, सांसद तेजप्रताप यादव, प्रवन्धक वेदब्रत गुप्ता ने सभी कवियों को माला पहनाकर व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।