नयी दिल्ली, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि हम ‘अच्छे दिन’ के लिए ‘समर्पित’ हैं और हमारे लिए ‘अच्छे दिन’ का मतलब है राष्ट्र की अथक सेवा करना ताकि आम नागरिकों को लाभ मिले।”
निर्मला सीतारमण ने सदन में विनियोग ( संख्याक 3) विधेयक 2025 और वित्त विधेयक 2025 पर हुई चर्चा का जबाव देते हुए तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष द्वारा अच्छे दिन पर की गई टिप्पणी पर कहा कि जो लोग अच्छे दिन के बारे में सवाल कर रहे हैं, वे खुद उस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने ‘माँ…माटी…मानुष’ का नारा दिया, लेकिन लोगों के लिए कुछ नहीं किया। पश्चिम बंगाल में कट मनी ग्रुप, ‘टोला बाजी’ ग्रुप अच्छी योजनाओं और कामों को लोगों तक नहीं पहुँचने देते। ‘टोला बाजी’ एक बहुत बड़ा लोहे का फिल्टर है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अच्छे दिन’ अभी तक केवल उन लोगों के लिए नहीं आए हैं जिनके लिए शासन का मतलब भ्रष्टाचार और टोलाबाजी है।
उन्होंने कहा “हमारा दर्शन है: “तन समर्पित, मन समर्पित, देश के लिए यह जीवन समर्पित।” उन्होंने कहा कि पक्षपातपूर्ण राजनीतिक दृष्टिकोण से सवाल करने के बजाय, आम नागरिकों से पूछें, कहीं भी, जिन्हें हमारी योजनाओं से सीधे लाभ हुआ है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 55 करोड़ भारतीयों से पूछें, खासकर महिलाओं को जन धन योजना के तहत बैंक खातों से सशक्त बनाया गया। अच्छे दिन आए हैं कि नहीं आए हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने वाले 4 करोड़ परिवारों से पूछिए। वे कहेंगे कि ‘अच्छे दिन हैं’। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय की गरिमा का आनंद ले रहे 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों से पूछिए – ‘अच्छे दिन हैं’। जल जीवन मिशन के तहत नल का पानी पाने वाले 12 करोड़ ग्रामीण परिवारों से पूछिए – ‘अच्छे दिन हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना कनेक्शन के तहत धुएं से भरी रसोई से मुक्त हुए 10 करोड़ से अधिक परिवारों से पूछिए – ‘अच्छे दिन हैं। 15,300 जन औषधि केंद्रों से 50 से 80 प्रतिशत सस्ती दरों पर कई दवाएं खरीदने वाले लाभार्थियों से पूछिए – ‘अच्छे दिन हैं। आयुष्मान भारत के 5 लाख रुपये के वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवर से सुरक्षित 37 करोड़ नागरिकों से पूछिए – ‘अच्छे दिन हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि के तहत 68 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सहायता प्रदान की गई, उन सभी को प्रधानमंत्री द्वारा गारंटी दी गई है और संप्रभु गारंटी प्रदान की गई है। उन्हें कोई सुरक्षा या कागजात या सोना आदि देने की आवश्यकता नहीं है – अच्छे दिन हैं। पीएम मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत 50 करोड़ से अधिक ऋण के लाभार्थियों से पूछें – अच्छे दिन हैं।