बेंगलुरु, सरकार ने आज कहा कि 14वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन परिणामोन्मुखी होगा और प्रवासी भारतीयों एवं भारतवंशियों से जुड़े मुद्दाें पर इस सम्मेलन में आने वाली सिफारिशों पर समयबद्ध तरीके से अमल किया जायेगा। सरकार ने यह भी कहा कि वह प्रवासी भारतीयों के लिये उनके निवास के देश के मुद्दों के अनुरूप अलग अलग नीति बनाने का इरादा रखती है।
युवा प्रवासी भारतीय दिवस समारोह की जानकारी देने के लिये आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय में प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव ज्ञानेश्वर मुले ने कहा कि 14वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन इससे पहले हुए 13 सम्मेलनों से बहुत अलग है और यह निश्चित नतीजे देने वाला सम्मेलन होगा। इस बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को लेकर सरकार का दृष्टिकोण पूर्ण रूप से व्यावहारिक है। सम्मेलन में उनकी रोज़ी रोटी से जुड़े मुद्दों पर खुल कर स्पष्ट रूप से चर्चा होगी और उनका सटीक समाधान खोजने का प्रयास किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के पहले एक वर्ष के दौरान 10 सत्रों में 10 अलग.अलग विषयों पर चर्चा के बाद सिफारिशें तय की गयीं हैं जिन्हें कल और सोमवार के सत्र में रखा जायेगा। इन सत्रों में आने वाले सुझावों एवं आपत्तियों को ध्यान में रखकर नीति तय की जायेगी और उन्हें समयबद्ध ढंग से लागू किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय प्रवासी भारतीयों को लेकर हर देश के मुद्दों के हिसाब से अलग प्रवासी भारतीय नीति तय करने का विचार कर रहा है।
श्री मुले ने कहा कि अमेरिकाए जापानए ब्रिटेन जैसे देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों के मुद्देए कतरए बहरीनए दुबईए आबूधाबी के प्रवासी कामगारों के मुद्दों से अलग हैं। इसी प्रकार से फिजी सूरीनाम के भारतवंशियों के मसलेए मॉरीशस के भारतवंशियों के मुद्दों से अलग हैं। इसलिये सरकार अलग अलग देश के लिये एक अलग प्रवासी भारतीय नीति बनाने का विचार कर रही है।