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हर प्रोजेक्ट के लिए तय हों नोडल अधिकारी, सप्ताह में मिले प्रगति रिपोर्ट : CM योगी

गोरखपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर प्रोजेक्ट के लिए एक नोडल अधिकारी तय करते हुए उनसे साप्ताहिक प्रगति की रिपोर्ट ली जाए। हर प्रोजेक्ट की वरिष्ठ अधिकारी पंद्रह दिन पर समीक्षा करें, साथ ही परियोजनाओं की प्रगति को लेकर माह में एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाए। हर परियोजना की एक समय सीमा तय होती है। उसे उसी अवधि में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री योगी शनिवार दोपहर में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ एनेक्सी भवन में विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम, जल निगम, जीडीए, गीडा समेत विभिन्न विभागों की परियोजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन विकास परियोजनाओं के लिए जमीनों का अधिग्रहण किया गया है, वहां जमीन की रजिस्ट्री में तेजी लाई जाए और मुआवजा वितरण भी जल्द से जल्द किया जाए। इसमें किसी तरह की शिथिलता अक्षम्य होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा निर्माण कार्य को समयबद्ध और गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए एक नोडल अधिकारी को पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी जाए। नोडल अधिकारी हर सप्ताह की प्रगति की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं की मॉनिटरिंग करने के लिए जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी होनी चाहिए। अधिकारी हर माह जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें विकास कार्यों की प्रगति से अवगत कराएं, उनसे मिलने वाले सुझावों पर भी ध्यान दें।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बरसात का समय सन्निकट है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना होगा कि बरसात होने पर कहीं भी जलभराव न होने पाए। जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में काफी अच्छा काम हुआ है, इसे लगातार उत्कृष्टता की ओर ले जाने की आवश्यकता है। समय रहते सभी नालों की सफाई का काम पूरा करने का निर्देश देने के साथ सीएम ने कहा कि जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए गोड़धोइया नाला परियोजना पर सतत ध्यान दिया जाए।

बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा बाढ़ बचाव के कार्यों में और तेजी लाई जाए। अधिकारी, जनप्रतिनिधियों को साथ ले जाकर बंधों की स्थिति का जायजा लें। बेहतर कार्य के लिए उनसे सुझाव लें।

उन्होने कहा कि समन्वित प्रयासों से जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया है। तैयारी ऐसी बनी रहे कि आगामी मानसून सत्र में भी इस पर नकेल कसा रहे। मुख्यमंत्री ने एकला बांध प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की और यहां मियावाकी वन विकसित करने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पेयजल, स्वच्छता और अन्य नागरिक सुविधाओं पर संवेदनशीलता से ध्यान दें। शहरों और गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। नागरिकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारी जनता दर्शन में नियमित और संवेदनशील ढंग से सुनवाई करें। आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण करने के साथ शिकायतकर्ता से फीडबैक भी लें। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह चेतावनी भी दी कि नागरिक समस्याओं के निस्तारण में शिथिल अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ वर्षों से गोरखपुर उद्यमियों के लिए पसंदीदा स्थल बनकर उभरा है। अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे उद्यमियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हर माह रोजगार मेले का आयोजन करने के निर्देश भी दिए। कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति बरकरार रहनी चाहिए। माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई का क्रम थमना नहीं चाहिए। उन्होंने पुलिस पैट्रोलिंग और फुट पैट्रोलिंग बढ़ाने और पीआरवी का रिस्पांस टाइम और उत्कृष्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने बकरीद पर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने, सड़क पर नमाज न होने देने की हिदायत देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।

मुख्यमंत्री योगी ने ट्रैफिक प्रबंधन को और सुदृढ़ करने पर जोर देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सड़कों पर गाड़ियां न खड़ी रहें। सभी वाहन तय पार्किंग स्थल पर ही खड़े हों। टेम्पो को भी उनके लिए निर्धारित स्टैंड पर ही खड़ा कराया जाए। सीएम ने यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सिविल डिफेंस का सहयोग लेने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक राजेश त्रिपाठी, महेन्द्रपाल सिंह, विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद समेत प्रशासन, पुलिस और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।