हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा- किस आधार पर दिए जा रहे यश भारती सम्मान ?

yash-bharti-sammanलखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश सरकार द्वारा दिए जा रहे यश भारती सम्मान के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सरकार से जवाब मांगा है। न्यायालय ने जानना चाहा है कि किस नियम कायदों और किस आधार पर यह सम्मान दिए जा रहे हैं।
न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार अरोड़ा एवं न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने याची सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज की ओर से दायर जनहित याचिका पर आज यह आदेश दिए ।
दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार बिना किसी नियम कायदों के यश भारती सम्मान दे रही है। संविधान के अनुसार साहित्य संगीत क्रीड़ा और ललित कला में विशेष योगदान देने वाले समाज के प्रख्यात लोगों को यश भारती सम्मान दिया जाता है और सम्बंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोग ही इस सम्मान के हकदार होते हैं।
जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार आमतौर पर लोगों को बिना किसी मानक के यश भारती सम्मान दे रही है जो की कानून की मंशा के विपरीत है।
याचिका में मांग की गई है कि उच्य न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश की जांच कमेटी बनाई जाए तथा अबतक दिए गए यश भारती सम्मान के पात्रों की जाँच करायी जाये और गलत पाये जाने पर दिए गए लोगों के यश भारती सम्मान निरस्त किये जायें। इस मामले की अगली सुनवाई 23 दिसम्बर को होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button