हाईकोर्ट मे वकील की शर्मनाक टिप्पणी, कहा- ‘‘…शंकराचार्य के अनुसार नारी नर्क का द्वार है।’’
February 7, 2018
नई दिल्ली, हाईकोर्ट मे एक वकील ने बहस के दौरान शर्मनाक टिप्पणी करते हुये कहा- ‘‘…शंकराचार्य के अनुसार नारी नर्क का द्वार है।’’ उक्त बयान महिलाओं और लड़कियों को कथित रूप से कैद करने के आरोपी वीरेंद्र देव दीक्षित के दिल्ली स्थित एक आश्रम की पैरवी कर रहे एक वकील की ओर से दिया गया।
एक वकील को ‘नारी नर्क का द्वार है’ टिप्पणी करने को लेकर आज दिल्ली उच्च न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा। अदालत ने वकील को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। उक्त बयान वीरेंद्र देव दीक्षित के दिल्ली स्थित एक आश्रम की पैरवी कर रहे एक वकील की ओर से दिया गया। दीक्षित महिलाओं और लड़कियों को कथित रूप से कैद करने को लेकर सीबीआई की जांच का सामना कर रहा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक पीठ ने अधिवक्ता अमोल कोकणे को चेतावनी दी कि इस तरह की बहस के लिए अदालत की अवमानना की कार्रवाई हो सकती है। अधिवक्ता ने कहा, ‘‘…शंकराचार्य के अनुसार नारी नर्क का द्वार है।’’
अप्रसन्न पीठ ने इस पर वकील से पूछा कि वह किस शंकराचार्य को उद्धृत कर रहे हैं। हालांकि वकील ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। वकील ने यह टिप्पणी अदालत के एक सवाल के जवाब में कही। अदालत ने वकील से पूछा था कि केवल महिलाएं और लड़कियों को ही उनके अभिभावकों द्वारा आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के आश्रमों में क्यों ‘‘छोड़’’ दिया जाता है।
वकील की इस टिप्पणी पर अदालत कक्ष में लोगों और वकीलों के बीच कानाफूसी होने लगी। दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने भी कोकणे की दलील पर अप्रसन्नता जतायी। मेहरा ने यह भी मांग की कि कोकणे की बार में पंजीकरण की जांच पड़ताल की जाए। यद्यपि अदालत ने मामले में आज की सुनवायी स्थगित कर दी और मामले से संबंधित सभी लोगों को अदालत कक्ष से तत्काल चले जाने को कहा।